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एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड जांच से पता चलेगा कैंसर का स्टेज, जानें इसके बारे में

Endobronchial Ultrasound: लंग कैंसर की जांच के लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड बहुत कारगर है, जानें इसके बारे में।
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एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड जांच से पता चलेगा कैंसर का स्टेज, जानें इसके बारे में

कैंसर के मरीज पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं। खानपान, लाइफस्टाइल, रेडिएशन और प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण लोगों में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। कैंसर की सही समय पर पहचान होने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है और इस बीमारी से निजात भी मिल सकती है। फेफड़ों के कैंसर की वजह से दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं, जो सही समय पर इसे पहचानकर इलाज नहीं ले पाते हैं। लंग कैंसर की जांच के लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड (Endobronchial Ultrasound in Hindi) जांच मरीजों की परेशानियों को दूर कर सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं इस जांच के बारे में।

लंग कैंसर की जांच के लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड- Endobronchial Ultrasound For Lung Cancer in Hindi

Endobronchial Ultrasound For Lung Cancer

एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड फेफड़ों के कैंसर की जांच के लिए बहुत कारगर जांच मानी जाती है। टाटा कैंसर संस्थान के थोरासिक कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. मयंक त्रिपाठी के मुताबिक फेफड़ों के कैंसर की जांच के लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड (EBUS) आधुनिक तकनीक की जांच है। इस जांच में समय भी कम लगता है और मरीज को तकलीफ भी नहीं होती है। दरअसल, एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड एक स्कैनिंग है जिसमें फेफड़ों के आसपास के लिंफनोड्स की जांच की जाती है। एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड की मदद से मरीज में कैंसर की स्टेज का भी पता आसानी से लग सकता है। जांच के दौरान कैंसर की स्टेज का पता चलने से इलाज में भी बहुत आसानी होती है। इससे पहले स्टेज की जांच के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था, जिसमें समय भी ज्यादा लगता था।

कैसे होती है एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड की जांच?- Endobronchial Ultrasound Procedure in Hindi

फेफड़ों के कैंसर की जांच के लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल मरीजों और डॉक्टर दोनों के लिए ही बहुत उपयोगी है। इस जांच प्रक्रिया में समय कम लगने के साथ-साथ सटीक जानकारी मिलती है। एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड करने के लिए सबसे पहले मरीज के मुंह में एक तार डाला जाता है। इस तार में एक कैमरा लगा रहता है और कैमरे की मदद से डॉक्टर फेफड़ों के आसपास के लिंफनोड्स की जांच अच्छी तरह से करते हैं। इस आसान जांच की मदद से मरीज की सटीक स्थिति का पता चल जाता है। फेफड़ों के कैंसर की जांच के अलावा इस अल्ट्रासाउंड से फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों की भी जांच की जा सकती है।

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फेफड़ों में कैंसर यानी कि लंग कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो आजकल बहुत गंभीर रूप ले चुकी है। हालांकि फेफड़ों में कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी है, लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें इस बीमारी के लक्षणों के बारे में पता ही नहीं होता है। सही समय पर जांच कराने से इसका पता आसानी से चल जाता है। शुरूआती स्टेज में जांच के बाद इलाज लेने से आप इस बीमारी से उबर सकते हैं।

(Image Courtesy: Freepik.com)

 

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