कुछ लोगों को मानसिक रोग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसमें ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर को भी शामिल किया जाता है। यह एक गंभीर समस्या है। इसमें व्यक्ति एक ही कार्य को बार-बार करता है। डॉक्टर के मुताबिक ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर में व्यक्ति बैक्टीरिया के डर से बार-बार हाथ धोते रहता है। साथ ही, वह हर चीज को बैक्टीरिया के डर से धोकर ही इस्तेमाल करता है। कई बार यह स्थिति इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति घर का सामान बार-बार धोने लगता है। यह स्थिति व्यक्ति को भावनात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। आगे सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट दीपाली बेदी से जानते हैं कि ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर में भावनाओं को प्रभावित करने के लिए कौन से कारण जिम्मेदार होते हैं।
इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर के कारण - Causes Of Emotional Contamination OCD In Hindi
इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर में व्यक्ति को लगता है कि वह किसी निश्चित स्थान, वस्तु या व्यक्ति के संपर्क में आने से दूषित हो जाएंगे। इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के अनुसार इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर के कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। लेकिन, इसके लिए कुछ कारक (Factor) जिम्मेदार हो सकते हैं। आगे जानते हैं इस बारे में।
आनुवांशिक
ओसीडी या अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का पारिवारिक इतिहास होने से जोखिम बढ़ जाता है। जिन लोगों को परिवार में पहले किसी व्यक्ति को मानसिक समस्या होती है, उनको इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ओसीडी होने की आंशका अधिक होती है।
ब्रेन कैमिकल अनियंत्रित होना
ब्रेन कैमिकल का स्तर नियंत्रित न होने से व्यक्ति को ओसीडी की समस्या हो सकती है। सेरोटोनिन जैसे कुछ ब्रेन कैमिकल में असंतुलन के कारण व्यक्ति को इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ओसीडी हो सकता है। इस दौरान व्यक्ति को एक ही कार्य बार-बार करने का मन करता है।
तनाव
बचपन में तनाव और स्ट्रेस के कारण कुछ लोगों को ओसीडी की समस्या हो सकती है। बचपन में तनाव के कारण व्यक्ति के मन पर बुरा असर पड़ता है और वह खुद को इस स्थिति से बाहर नहीं निकाल पाता है। यह स्थिति आगे चलकर इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ओसीडी की आंशका को बढ़ा सकती है।
नाकारात्मक विचार
इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर किसी इमोशनली दुर्व्यवहार व नाकारात्मक विचार की वजह से हो सकता है। जिन लोगों ने अपने जीवन में कभी भावनात्मक ट्रॉमा महसूस किया होता है, उनको ओसीडी की समस्या हो सकती है। दरअसल, दूसरों की नाकारात्मक भावनाओं से व्यक्ति की भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
भावनात्मक कमजोरी
दूसरों की सहानुभूति व्यक्ति के अंदर इमोशनली कॉन्टेमिनेशन ओसीडी का कारण बन सकती है। दूसरों की सहानुभूति से व्यक्ति खुद को भावनात्मक रूप से कमजोर समझने लगता हैं। साथ ही, वह खुद को दूसरों की तुलना में इमोशनली रूप से कम महसूस करता है।
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ओसीडी एक तरह की मानसिक स्थिति है। इसकी समय पर पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है। समय के साथ व्यक्ति के जोखिम और लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस दौरान परिवार के लोगों और करीबियों को ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति का सपोर्ट करना चाहिए।