रोजाना नट्स खाने से 17 प्रतिशत तक कम होता है डिप्रेशन का जोखिम, स्टडी में हुआ खुलासा

नट्स खाना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होते हैं। इन्हें खाने से फीजिकल हेल्थ अच्छी रहने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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रोजाना नट्स खाने से 17 प्रतिशत तक कम होता है डिप्रेशन का जोखिम, स्टडी में हुआ खुलासा

नट्स खाना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होते हैं। इन्हें खाने से फीजिकल हेल्थ अच्छी रहने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। हाल ही में जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित हुई एक रिसर्च में पाया गया कि नियमित रूप से नट्स खाने से मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है साथ ही 17 प्रतिशत तक डिप्रेशन का खतरा कम होता है। इसे खाने से शारीरिक स्टेमिना बढ़ने के साथ ही मूड भी अच्छा रहता है। 

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद 

दरअसल, नट्स में फाइटोकैमिकल, कैरेटेनॉइड्स, फाइटोस्टेरॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मूड को बेहतर कर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं साथ ही डिप्रेशन के जोखिम को भी कम करते हैं। गलत खान-पान के बजाय नट्स, फल और सब्जियों को डाइट में शामिल कर आसानी से डिप्रेशन के खतरे को कम किया जा सकता है। 

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30 ग्राम नट्स खाने से भी होता है डिप्रेशन कम 

स्टडी में 13000 लोगों को शामिल कर एक डेटा बनाया गया, जिसमें मध्य उम्र से लेकर 58 वर्ष तक की उम्र के लोगों को शामिल किया गया। इनपर लंबे समय तक नजर रखी गई, जिसमें यह पाया गया कि नियमित तौर पर 30 ग्राम तक नट्स जैसे बादाम, काजू, अखरोट, हेजलनट्स, पिस्ता और ब्राजील नट्स खाने से न केवल डिप्रेशन का जोखिम कम हुआ, बल्कि एंटीडिप्करेशन दवाओं का सेवन करने की आदत भी कम हुई। डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने के लिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करना लाभकारी होता है। 

डिप्रेशन कम करने के तरीके 

डिप्रेशन को कम करने के लिए लोग तमाम तरह की दवाओं का सेवन करते हैं। जबकि, कुछ आसान तरीके अपनाने के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव कर इसे आसानी से कम किया जा सकता है। इसके लिए आप नियमित तौर पर योग और एक्सरसाइज करें। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जिससे मूड अच्छा रहता है और डिप्रेशन कम होता है। यही नहीं खराब डाइट और मोटापा भी डिप्रेशन का कारण बनता है, इसलिए इसे भी नियंत्रित रखें। डिप्रेशन को कम करने के लिए सोने के पैटर्न में बदलाव करें साथ ही सोच को भी सकारात्मक रखें।

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