महिलाओं के लिए हर माह के कुछ दिन कष्टप्रद होते हैं। हालांकि प्रजनन क्षमता व स्त्री स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी भी है। लेकिन मासिक धर्म अर्थात पीरियड्स का सामना करने के कुछ आसान उपाय किये जा सकते हैं। इस लेख हम आपको बता रहे हैं कि कौन से हैं वे उपाय।
बदलती जीवनशैली, बढ़ता प्रदूषण और खानपान में बदलाव अक्सर महिलाओं में पीरियड्स के दिनों में अधिक दर्द का कारण बन जाता है। हालांकि इस दर्द से राहत के लिए पेन किलर के विकल्प होते हैं, लेकिन कई बार महिलाएं किसी साइडइफेक्ट के डर से इन दवाओं को लेने में हिचकिचाती हैं। ऐसे में इस समस्या से आराम पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय ही ऐसे विकल्प होते हैं जिन्हें मासिक धर्म के समय होने वाले तेज दर्द में आराम के लिए अपनाया जा सकता है। और कमाल की बात यह है कि इनका कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है और न ही ये अधिक खर्चीले ही होते हैं।
मासिक धर्म में ये चीजें दिलाएं दर्द से राहत
अजवाइन का करें सेवन
पीरियड्स के समय अक्सर महिलाओं में गैस्ट्रिक की समस्या बढ़ जाती हैं, जिसकी वजह से भी पेट में तेज दर्द होने लगता है। इससे निपटने के लिए अजवाइन का सेवन बेहद कारगर विकल्प है। ऐसा होने पर आधा चम्मच अज्वाइन और आधा चम्मच नमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से दर्द से तुरंत राहत मिल जाती है। वहीं, पीरियड्स के दौरान अजवाइन का चुकंदर, गाजर और खीरे के साथ जूस पीने से भी दर्द से राहत मिलती है।
अदरक भी है लाभदायक
पीरियड्स में दर्द होने पर अदरक का सेवन भी राहत पहुंचाता है। इसलिए पीरियड्स में दर्द होने पर एक कप पानी में अदरक को बारीक काटकर उबाल लें। अगर स्वाद अच्छा न लगे तो इसमें स्वादानुसार शक्कर भी मिला सकती हैं। अब दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें। दर्द में राहत मिलेगी।
पपीता भी है कमाल
पाचन शक्ति को मजबूत बनाने के लिए पपीते का सेवन फायदेमंद होता है। पीरियड्स के दौरान इसका सेवन करने से लाभ होता है। दरअसल कई बार पीरियट्स के दौरान फ्लो ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है, जिस कारण महिलाओं को अधिक दर्द होता है। ऐसे में पपीते का सेवन से पीरियड्स के दौरान फ्लो ठीक से होता है जिससे दर्द नहीं होता।
तुलसी का कैफीक एसिड कर दर्द कम
दर्द होने पर तुलसी के पत्ते को चाय में मिलाकर पियें। तुलसी में मौजूद कैफीक एसिड से पीरियड्स के दर्द में आराम होता है। अधिक परेशानी हो तो आधा कप पानी में तुलसी के 7-8 पत्ते डालकर उबाल लें और छानकर उसका काढ़ा लें।
योग से भी मिलता है आराम
पीरियड्स के दौरान निकलने वाले इस हॉर्मोन के प्रति कई महिलाएं अति संवेदनशील रहती है। यह मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। योगाभ्यास के कुछ विशेष आसनों व प्राणायाम से हारमोन की अति संवेदनशीलता कम हो जाती है। इससे विचारों के विकार दूर होते हैं और शरीर पर पड़ने वाले अस्थायी प्रभाव को पूर्ण रूप से कम किया जा सकता है।
पीरियड्स शुरू होने से 4-5 दिन पहले से ठंडी, खट्टी व बासी चीजें न खाएं। साथ ही पीरियड्स के दिनों में फाइबर युक्त आहार लें ताकि पेट नर्म रहे। दर्द होने पर गर्म पानी से पेट की सिंकाई कर सकती हैं। किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए हमेशा अच्छी कम्पनी के सैनेटरी नैप्किन का ही प्रयोग करें। कपड़े की प्रयोग न केरं, इसके प्रयोग से रैशेज और इन्फैक्शन हो सकता है। और अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें। पेशाब और अपना पैड या टैम्पॉन (रक्तस्राव रोकने के लिए अवरोध) बदलने के बाद अपनी योनि ठीक से साफ करें। जहां कहीं भी जाएं, एक जोड़ा साफ अनडाइ हमेशा अपने साथ रखें। दर्द ज्यादा हो तो जल्द ही डॉक्टरी सलाह लें।
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