
अगर आप टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं, तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है कि अगर डायबिटीज के रोगी रोजाना अच्छी मात्रा में ग्रीन टी और कॉफी पिएं, तो उनमें ब्लड शुगर के कारण होने वाली मौत का खतरा कम हो सकता है। आपको बता दें कि डायबिटीज होने पर व्यक्ति के खून में शुगर बढ़ने लगता है, जिसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति को सर्कुलेट्री डिजीज (धमनियों, नसों और नर्व्स से जुड़ी बीमारियां), डिमेंशिया, आंखों की रोशनी कम होना, कैंसर, हड्डियों का टूटना, किडनी फेल्योर, हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि डायबिटीज को अगर सही समय पर कंट्रोल न किया जाए, तो व्यक्ति की इनमें से किसी एक या एक से ज्यादा बीमारियों के एक साथ होने से मौत हो सकती है। इसलिए डायबिटीज रोगियों के लिए ये रिसर्च बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।
4 कप ग्रीन टी+ 2 कप कॉफी रोज
डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस नई रिसर्च को ऑनलाइन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के BMJ Open Diabetes Research & Care में छापा गया है। रिसर्च में बताया गया है कि एक दिन में 4 कप या इससे ज्यादा ग्रीन टी पीने और साथ ही साथ 2 कप या इससे ज्यादा कॉफी पीने से डायबिटीज के कारण होने वाली मौत का खतरा 63% तक कम हो जाता है। ये रिसर्च लगभग 5 साल तक कॉफी और ग्रीन टी पीने वाले डायबिटिक मरीजों पर की गई है। पहले भी इस संदर्भ में कई रिसर्च सामने आ चुकी हैं, जिनमें बताया गया है कि ग्रीन टी और कॉफी में बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों पर ऐसी स्टडीज कम थीं, इसलिए वैज्ञानिकों ने इस पर स्टडी की और निष्कर्ष चौंकाने वाला था।
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ग्रीन टी और कॉफी में होते हैं खास तत्व
ग्रीन टी और कॉफी के संदर्भ में समय-समय पर कई रिसर्च सामने आती रही हैं। कॉफी में एक खास तत्व पाया जाता है, जिसे फेनॉल्स कहते हैं। ये शरीर में सर्कुलेट्री बीमारियों के खतरे को कम करता है। इसके अलावा कॉफी में पाया जाना वाला सबसे खास तत्व कैफीन इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है। इसी तरह ग्रीन टी में भी कई एक्टिव कंपाउंड्स पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के अंगों की डैमेज से रक्षा करते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि डायबिटीज के रोगियों को कॉफी बिना चीनी के ही पीनी चाहिए।
इस तरह 5 सालों तक की गई रिसर्च
ये रिसर्च टाइप 2 डायबिटीज के शिकार 4923 मरीजों पर की गई जिनमें 2790 पुरुष थे और 2133 महिलाएं थीं। इन सभी मरीजों की औसत उम्र 66 वर्ष थी। स्टडी लगभग 5 सालों तक चलती रही। इन सभी मरीजों के रोजाना के खाए जाने वाले फूड्स के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई, जिनमें सबसे अधिक ध्यान उनके ग्रीन टी और कॉफी पीने की आदतों पर रखा गया। इसके अलावा कुछ अन्य जानकारियों को ध्यान में रखा गया जो स्टडी को प्रभावित कर सकते थे, जैसे- रोजाना एक्सरसाइज के घंटे, एल्कोहल की लत, सिगरेट पीने की आदत, रात में ली गई नींद के घंटे आदि। इसके अलावा अतिरिक्त पारदर्शिता के लिए स्टडी में शामिल सभी लोगों का वजन, लंबाई और ब्लड प्रेशर का माप भी समय-समय पर लिया जाता रहा। साथ ही ब्लड और यूरिन सैंपल्स की जांच की जाती रही। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर जब वैज्ञानिकों ने लोगों की ग्रीन टी और कॉफी पीने की आदत पर स्टडी की, तो जो बातें सामने आईं वो इस प्रकार थीं।
- शोध में शामिल 607 लोग ऐसे थे जो ग्रीन टी नहीं पीते थे।
- 1143 लोग ऐसे थे जो दिन में 1 कप ग्रीन टी पीते थे।
- 1384 मरीज ऐसे थे जो दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पीते थे।
- वहीं 1784 लोग ऐसे थे जो दिन में 4 या इससे ज्यादा कप ग्रीन टी पीते थे।
- शोध में शामिल 994 मरीज कॉफी का सेवन नहीं करते थे।
- 1306 मरीज दिन में 1 कप कॉफी पीते थे।
- 1660 मरीज ऐसे थे जो दिन में 2 या इससे ज्यादा कप कॉफी पीते थे।
- इस रिसर्च के दौरान ही 309 लोगों की मौत भी हो गई, जिनमें से ज्यादातर की मौत का का कारण कैंसर और कार्डियोवस्कुलर रोग थे।
रिसर्च का निष्कर्ष
वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्रीन टी और कॉफी दोनों का सेवन करने वाले लोगों में मौत का खतरा कई प्रतिशत तक कम हुआ। लेकिन सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को हुआ जो एक दिन में 4 कप या इससे ज्यादा ग्रीन टी और 2 कप या इससे ज्यादा कॉफी पीते थे। ये एक अवलोकनात्कम अध्ययन (observational study) है, इसलिए इस बारे में अभी और अधिक शोध की जरूरत है। दूसरा फैक्टर यह है कि संभव है कि जिस क्वालिटी की ग्रीन टी और कॉफी जापान में उपलब्ध हो, वो दूसरे देशों में उपलब्ध न हो। इसलिए अध्ययन को और अधिक वैज्ञानिक तरीके से किए जाने की जरूरत है।
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