एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि कुत्ता पालने वाले लोग लंबे समय तक जीते हैं और कुत्ता पालना विशेष रूप से ह्रदय रोगियों (Heart Health) और अकेले रहने वाले लोगों के लिए बेहद अच्छा हो सकता है। एमटी सिनाई हॉस्पिटल के यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो लीडरशिप सिनाई सेंटर फॉर डायबिटीज में डॉक्टर कैरोलिन के. क्रेमेर का कहना है कि हमने 30 लाख लोगों से ज्यादा का अध्ययन किया है और जो नतीजे सामने निकलकर आए हैं वह बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
जर्नल सर्कुलेशन: कार्डियोवस्कुलर क्वालिटी और आउटकम में क्रेमेर और उनकी टीम ने अपने नतीजों में कहा, ''वे लोग, जो कुत्ता पालते हैं, उनका ब्लड प्रेशर लो रहता है, उनका कोलोस्ट्रोल लेवल भी हेल्दी बना रहता है और कुत्ता नहीं पालने वाले लोगों की तुलना में तनाव भी बहुत कम होता है।''
उन्होंने कहा, ''कोई भी पालतू जानवर घर में होने से आपको तनाव कम करने में मदद मिलती है और एंग्जाइटी, अवसाद, अकेलेपन से छुटकारा मिलता है और आपका मन लगा रहता है। हालांकि अध्ययन में कुत्ता होने से आयु बढ़ती है इस बात को लेकर नतीजे मिले-जुले हैं।''
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इसकी जांच के लिए क्रेमेर की टीम ने 1950 तक के मेडिकल साहित्य के आंकड़ों की खंगाला और कुत्ते पालने के 10 अध्ययनों को ढूंढ निकाला। उन्होंने इन 10 अध्ययनों में कुल 38 लाख लोगों के स्वास्थ्य के आंकड़ों का भी पता लगाया।
अध्ययन के मुताबिक, कुत्ता पालने वाले लोगों में मृत्यु का जोखिम कुत्ता नहीं पालने वाले लोगों की तुलना में अगले दशक तक 24 फीसदी कम हो गया । वहीं जो लोग हार्ट अटैक या फिर ह्रदय रोगों से पीड़ित थे और उन्होंने कुत्ता पाला हुआ था उनमें अगले दशक तक मृत्यु का जोखिम 65 फीसदी तक कम हो गया था। ह्रदय कारणों से जान गंवाने वाले लोगों की कुल मृत्यु दर में कुत्ता पालने के कारण 31 फीसदी तक कमी दर्ज की गई।
क्रेमेर ने कहा,''कुत्ता पालने वाले लोगों की बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधियों ने ह्रदय संबंधी लाभों में अहम भूमिका निभाई।'' उन्होंने बताया कि कुत्ता पालने से किसी भी व्यक्ति को दिन में कम से कम तीन बार उसे घुमाना ही पड़ता है, जिसके कारण शारीरिक गतिविधियों में इजाफा होता है और हमारे दिल को लाभ मिलता है।
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इसी मुद्दे पर एक और अध्ययन में स्वीडन की उप्पसाला यूनिवर्सिटी की डॉ. टोव फॉल और उनकी टीम ने 2001 से 2012 के बीच हार्ट अटैक से पीड़ित 181,696 लोगों और स्ट्रोक से पीड़ित 154,617 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। उन्होंने अध्ययन में पाया कि जिन हार्ट अटैक के मरीजों ने कुत्ता पाला हुआ था या फिर अकेले रह रहे थे उन्हें दूसरा हार्ट अटैक आने की संभावना 33 फीसदी तक कम हो गई। इसके अलावा कुत्ते, पार्टनर या फिर बच्चे के साथ रहने वाले लोगों में 15 फीसदी तक कम जोखिम पाया गया। वहीं अकेले रहने वाले स्ट्रोक के मरीजों में दूसरे स्ट्रोक का खतरा 27 फीसदी तक कम हो गया। इसके साथ ही अकेले नहीं रहने वाले कुत्ते के मालिकों में बार-बार स्ट्रोक आने का खतरा 12 फीसदी तक कम हो गया।
अध्ययन की लेखक ने बताया, ''हम पहले से ही जानते हैं कि पालतू जानवर हमारी जिंदगियों को बेहतर बनाते हैं लेकिन यह हमारे ह्रदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं यह थोड़ा हैरान कर देने वाला है।'' उन्होंने बताया कि मैं पिछले 40 वर्षों से कुत्ता पालना चाहती थी और इन आंकड़ों ने आखिरकार मुझे इस बात के लिए राजी कर दिया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कुत्ता पालने से पहले यह बात सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि हम उसका ख्याल पूरी तरह से रख सकते हैं या नहीं। किसी को भी अपनी जिंदगी में लाने के लिए उसकी जगह बनानी बहुत जरूरी है ताकि हम उसके विश्वास के साथ न खेलें।
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