
Child Snoring Reason and Treatment : सोते वक्त आने वाले खर्राटे आपके साथ-साथ कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। यह बहुत ही आम बात मानी जाती है। हर घर में ऐसा कोई सदस्य जरूर होता है, जो रात को सोते समय खर्राटे लेता है। खर्राटे की समस्या वयस्कों में हो तो गंभीर नहीं मानी जाती है, लेकिन अगर यह आपका बच्चा कर रहा है, तो सावधानी की जरूरत है। बच्चों में होने वाले खर्राटे की समस्या को ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) कहा जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि बच्चों में होने वाली खर्राटों की बीमारी का सही वक्त पर इलाज न किया जाए, तो यह बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। बच्चों को खर्राटे क्यों आते हैं और इसका इलाज क्या है इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल में कंसल्टेंट एलर्जी एंड ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ विजय वर्मा से बातचीत की।
बच्चों को खर्राटे क्यों आते हैं?- Causes of Snoring Children in Hindi
डॉ विजय वर्मा ने बताया, "जब कोई इंसान नींद के दौरान सांस छोड़ता और लेता है, तो गर्दन के सॉफ्ट टिश्यू में एक तरह वाइब्रेशन होता है। जब यह वाइब्रेशन ज्यादा बढ़ जाता है, तो खर्राटों की आवाज को साफ तौर पर सुना जा सकता है। खर्राटे लेना 3 से 12 फीसदी बच्चों में एक सामान्य बात है, लेकिन यह समस्या ज्यादा होती है तो बच्चे पर कई तरह से प्रभाव डाल सकती है।" डॉक्टर का कहना है कि खर्राटों का बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।
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बच्चों में खर्राटे लेने के कारण - Bacho Ke Kharate Lene Ke Karan
बच्चों में खर्राटे लेने के कई कारण हो सकते हैं। डॉक्टर के मुताबिक अगर किसी बच्चे की फैमिली हिस्ट्री खर्राटों से जुड़ी रही है या बच्चों का जन्म वक्त से पहले हुआ है, तो खर्राटे की समस्या हो सकती है। इसके अलावा बच्चों के खर्राटे लेने के मुख्य कारण हो सकते हैं:
- टॉन्सिल्स
- मोटापा
- क्रेनियाफैसियल असामान्यताएं
- न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर
खर्राटों की समस्या का बच्चों पर क्या असर पड़ता है?
डॉ विजय वर्मा का कहना है कि खर्राटों की वजह से बच्चों में बिहेवरियल समस्याएं और हार्ट से संबंधित दिक्कतें भी हो सकती हैं। यही नहीं खर्राटों का बच्चों के विकास पर भी असर पड़ता है। खर्राटों की समस्या से बच्चों पर पड़ने वाले असर प्रमुख हैं:
- अचानक से स्वभाव में बदलाव होना
- किसी चीज पर फोकस न कर पाना
- सीखने की क्षमता प्रभावित होना
- पढ़ाई में परफॉर्मेंस का खराब रहना
- हाइपरटेंशन
- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
- मोटापा
- टाइप-2 डायबिटीज
बच्चों के खर्राटे का इलाज - Treatment of Baby Snoring in Hindi
बच्चे के खर्राटे का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि इसके लक्षण कितने गंभीर हैं। अगर खर्राटों की आवाज बहुत कम है, तो आदतों में बदलाव करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि खर्राटे के हल्के लक्षणों को एक साइड सोकर, खान पान में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ नेजल स्प्रे भी खर्राटों से राहत दिला सकते हैं।
वहीं, अगर किसी बच्चे में खर्राटे के लक्षण गंभीर दिखाई देते हैं, तो इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लिया जा सकता है। डॉक्टर के मुताबिक खर्राटे की समस्या को ठीक करने के लिए एडीनोटोनसिलेक्टोमी सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में टॉन्सिल्स और एडेनोइड्स को हटाकर हवा का फ्लो ठीक किया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी बच्चे को खर्राटे की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क कर, इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
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With Inputs: Dr. Vijay Verma, Consultant Allergy and ENT Specialist, CK Birla Hospital, Gurugram