Does IVF Increase The Risk Of Ovarian Cancer In Hindi: आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आईवीएफ के जरिए, आज तक लाखों की संख्या में महिलाओं ने मां बनने का सुख हासिल किया है। वास्तव में, यह प्रक्रिया उन तमाम महिलाओं के लिए आशा की किरण की तरह है, जो नेचुरल तरीके से कंसीव करने में असमर्थ हैं। इसके बावजूद, हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते हैं कि किसी भी तकनीकी प्रक्रिया की तरह, आईवीएफ प्रक्रिया करवाने के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हैं। जैसे, कहा जाता है कि आईवीएफ के माध्यम से एक से ज्यादा बच्चे होने की संभावना अधिक होती है। जरूरी नहीं है कि हर महिला के साथ ऐसा हो। वैसे, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि महिला के गर्भाशय में आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता की दर बढ़ाने के लिए एक से अधिक एम्ब्रयो ट्रांसफर किए जाते हैं। खैर, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि आईवीएफ करवाने के बाद महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है? क्या इस बात में कोई सच्चाई है या फिर यह महज एक मिथक है? आइए, एक्सपर्ट के जरिए सच्चाई जानते हैं।
क्या आईवीएफ के बाद ओवेरियन कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है- Does IVF Increase The Risk Of Ovarian Cancer Expert Explains In Hindi
पुणे स्थित अंकुरा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रसाद कुलत कहते हैं, "हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते हैं कि अन्य किसी भी तकनीक की तरह आईवीएफ के भी कुछ नकारात्मक प्रभाव होते हैं। लेकिन, इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि ओवेरियन कैंसर का जोखिम कई कारकों पर निर्भर करता है। इसमें फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, म्यूटेशन स्टेटस, प्रेग्नेंसी कितनी बार हुई है, ब्रेस्टफीडिंग न करवाना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और शराब का अत्यधिक सेवन करना शामिल हैं। इसके अलावा, खराब जीवनशैली भी ओवेरियन कैंसर का रिस्क बढ़ा सकते हैं।" डॉ. प्रसाद कुलत आगे बताते हैं कि यह स्पष्ट हो चुका है कि आईवीएफ की वजह से ओवरियन कैंसर और ओवेरियन सिस्ट का जोखिम बढ़ जाता है। असल में, आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान जिन दवाईयों का उपयोग किया जाता है, वे बहुत ज्यादा प्रभावशाली होती हैं। उन्हीं के साइड इफेक्ट के तौर पर कैंसर का रिस्क बढ़ता है। यही नहीं, आईवीएफ प्रक्रिया की वजह से मल्टीपल प्रेग्नेंसी का जोखिम भी बढ़ जाता है।
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ओवेरियन कैंसर के लक्षण- Ovarian cancer symptoms
आमतौर पर ओवेरियन कैंसर के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं। इसके लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण लगभग हर महिला में दिखते हैं, जैसे-
- पेट में दर्द
- सूजन
- मतली, दस्त, कब्ज
- बार-बार पेशाब आना
- वजन में बदलाव
- सेक्स के दौरान दर्द
- एब्नॉर्मल वजाइनल डिस्चार्ज
ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें- Reducing Ovarian Cancer Risk
एक्सपर्ट का कहना है कि किसी ओवेरियरन कैंसर के जोखिम को कम नहीं किया जा सकता है। हालांकि, अपनी लाइफस्टाइल में अच्छी आदतों को अपनाकर आप इससे बचाव कर सकते हैं। जैसे कंट्रोसेप्टिव पिल यानी बर्थ कंट्रोल पिल लेने से ओवेरियन कैंसर का रिस्क कम हो जाता है। Ocrahope.org में प्रकाशित लेख की मानें, तो जो महिलाएं 4 से 5 पांच साल तक नियमित रूप से बर्थ कंट्रोल पिल का इस्तेमाल करती हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग करवाने को भी ओवेरियन कैंसर के रिस्क को कम करने से जोड़कर देखा जाता है।
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