Cranberry Help To Prevent UTI: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या है। महिलाओं को यूटीआई की समस्या तब होती है जब मूत्राशय और इसकी नली बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती है। इस समस्या के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो मेडिकल में यूटीआई का इलाज है, लेकिन आज भी भारतीय महिलाएं यूटीआई के लिए घरेलू नुस्खों (UTI Home Remedies) पर ज्यादा विश्वास करती हैं। यूटीआई के इलाज का एक घरेलू नुस्खा है क्रैनबेरी (Cranberry Help in UTI) । जी हां कई महिलाएं इस बात को मानती है क्रैनबेरी यूटीआई की प्रॉब्लम को दूर कर सकता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनली माय हेल्थ की टीम ने बेंगलुरु के इंदिरा नगर स्थिति अपोलो क्लिनिक की गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. वीएस गंगारानी (Dr VS Gangarani, Obstetrician and Gynaecologist, Apollo Clinic, Indira Nagar, Bengaluru) से बातचीत की। आइए जानते हैं इसके बारे में।
यूटीआई है क्या?- What is UTI in Hindi
महिलाओं में यूटीआई होने का मुख्य कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है। जब यूरिनरी ट्रैक इस बैक्टीरिया से प्रभावित होता है तो यूटीआई की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है लम्बे समय तक पेशाब रोके रखना, प्रेग्नेंसी और यौन संबंधों के बाद यूरिनरी को सही तरीके से साफ न करने की वजह से यूटीआई की समस्या होती है।
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महिलाओं में UTI के लक्षण
- सही तरीके से यूरीन का डिस्चार्ज न होना
- यूरिन डिस्चार्ज करते समय जलन और खुजली
- पेट के निचले हिस्से में जलन होना
- बार-बार बुखार आना।
क्या क्रैनबेरी से दूर हो सकती है यूटीआई की समस्या?
डॉ. वीएस गंगारानी का कहना है, क्रैनबेरी में प्रोएन्थोसाइनिडिन नामक यौगिक होते हैं, जो बैक्टीरिया, विशेष रूप से एस्चेरिचिया कोली (ई. कोली) को यूरिनरी पर चिपकने से रोकते हैं, जिसकी वजह से यूटीआई का खतरा कम होता है।
क्रैनबेरी और यूटीआई पर क्या कहती है रिसर्च?
क्रैनबेरी का सेवन करने से यूटीआई की समस्या नहीं होती है इस बारे में अध्ययन बहुत ही मिले-जुले हुए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार क्रैनबेरी में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिन्हें ए-टाइप प्रोएथोसायनिडिन के तौर पर जाना जाता है। यह ई.कोलाई ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट की लाइनिंग से आपस में जोड़ने से रोकता है। इसकी वजह से क्रैनबेरी यूटीआई की समस्या में मददगार साबित हो सकती है। वहीं, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी (एएसएम) जर्नल्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार क्रैबनेरी में मौजूद प्रोएथोसायनिडिन यूरिनरी की परत में बैक्टीरिया के उत्पादन को होने से रोकते हैं, जिससे यूटीआई की समस्या को रोकने में मदद मिलती है।
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यूटीआई की समस्या में कैसे करें क्रैनबेरी का सेवन?
एक्सपर्ट का कहना है कि यूटीआई या किसी भी समस्या में क्रैनबेरी का सेवन एक फल के तौर पर ही करना चाहिए। बाजार में मिलने वाले क्रैनबेरी जूस, क्रैनबेरी जैम, क्रैनबेरी कोम्बुचा का सेवन नहीं करना चाहिए। इन चीजों को बनाने के लिए चीनी और कई बार प्रोसेसिंग का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से कई बीमारियां होने का खतरा रहता है। क्रैनबेरी का ज्यादा सेवन करने से पेट में दर्द, दस्त और पथरी की समस्या भी हो सकती है।
Pic Credit: Freepik.com
With Inputs: Dr VS Gangarani, Obstetrician and Gynaecologist, Apollo Clinic, Indira Nagar, Bengaluru.
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