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क्या आप भी 40 की उम्र के बाद बेबी प्लानिंग कर रही हैं? डॉक्टर से जान लें इसके नुकसान

अगर आप भी 40 साल की उम्र में मां बनने की सोच रही हैं, तो इसके खतरे और सावधानियों के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Apr 04, 2023 16:27 IST
क्या आप भी 40 की उम्र के बाद बेबी प्लानिंग कर रही हैं? डॉक्टर से जान लें इसके नुकसान

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Disadvantages Of Pregnancy At The Age Of 40 In Hindi: आमतौर पर हमारे यहां ज्यादातर महिलाएं 25 से 35 साल की उम्र में मां बन जाती है। यह सुरक्षित उम्र भी है और इस उम्र में महिला ममानसिक रूप से और शारीरिक रूप से मां बनने के लिए तैयार भी रहती है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि अपना (करियर) आजीविका और अन्य प्राथमिकताओं के कारण महिलाएं देरी से शादी कर रही हैं और मां बनने की उम्र भी उनकी अब बढ़ चुकी है। हाल के दिनों में ऐसी महिलाएं भी खूब देखने को मिली हैं, जो 40 साल की उम्र के बाद मां बनना पसंद करती हैं। एक जानी-मानी वेबसाइट के अनुसार प्रत्येक 10 में से एक महिला 40 साल की उम्र के बाद नैचुरली कंसीव कर लेती है। पर इसके बाद गर्भावस्था में जो जटिलताएं होती हैं और आखिर में कितनी औरतें एक स्वस्थ बच्चे की मां बन पाती हैं, ये कोई नहीं बताता है। हालांकि, यह महिला की अपनी चॉइस है कि वह किस उम्र में मां बनना चाहती है। इसके बावजूद, यहां यह सवाल उठता है कि क्या इस उम्र में मां बनना सुरक्षित है? इसके लिए महिला को किस तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं? इस संबंध में डॉक्टर्स की क्या राय है, आइए जानते हैं।

disadvantages of pregnancy at the age of 40 in hindi

गर्भधारण करने में समस्या

अगर कोई महिला इस उम्र में अपनी पसंद से कंसीव यानी गर्भधारण करना चाहती है, तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यही आती है कि वह आसानी से प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है। अपोलो स्पेक्ट्रा, मुंबई के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राणा चौधरी की राय है कि आप जितनी बड़ी उम्र में मां बनने की प्लानिंग करेंगी, आपके लिए कंसीव करना उतना ही मुश्किल हो जाएगा। ऐसा शारीरिक कमजोरी या अन्य समस्याओं की वजह से हो सकता है। इसके अलावा, इस उम्र तक आते-आते महिलाओं में एग (Egg) यानी अंडे का क्रमांक भी काफी कम हो जाता है। साथ ही, अंडों में क्रोमोसोमल समस्याएं होने की संभावना भी बढ़ जाती है, जिससे गर्भपात या बच्चे में जन्म से ही कुछ समस्याएं होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

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प्रेग्नेंसी में जटिलताएं हो सकती हैं

इस उम्र में अगर महिलाएं कंसीव कर लेती हैं, तो भी यह तय नहीं है कि प्रेग्नेंसी का सफर आसान होगा। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राणा चौधरी कहते हैं कि इस उम्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं, जैसे ब्लड प्रेशर का बढ़ना और डायबिटीज होना। यही नहीं, 40 साल की उम्र में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज (Gestational Diabetes Mellitus GDM) की आशंका भी काफी ज्याद बढ़ जाती है। आपको बता दें, प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज की वजह से प्लेसेंटा  (जिससे गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को पोषण मिलता है), में समस्याएं हो सकती हैं, जिससे बच्चे का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

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प्रीटर्म बेबी होने का जोखिम

नई दिल्ली के मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर से डॉ. शोभा गुप्ता, चिकित्सा निदेशक स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ कहती हैं कि इस उम्र में आमतौर पर महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई जोखिम कारकों होते हैं, जिस वजह से महिला को (प्रीटर्म बेबी) अपरिपक्व बच्चा यानी डिलीवरी डेट से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। यहां तक कि शिशु कम वजन का या उसका विकास प्रतिबंधित हो सकता है और उसे हेल्थ इश्यूज भी हो सकते हैं। यही नहीं, इस उम्र के बाद महिला में स्टिलबर्थ, यानी 20 सप्ताह पूरे होने के बावजूद पेट में ही बच्चे का मर जाना, की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा, एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि बड़ी उम्र की महिलाओं से जन्मे बच्चे में (टाइप 1 डायबिटीज) मधुमेह होने का जोखिम बढ़ जाता है।

पुरुषों में भी समस्या कम नहीं

40 सल की उम्र के बाद जिस तरह महिलाओं को कई सारी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, उसी तरह पुरुष भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इस उम्र में पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी का स्तर गिर जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि पुरुष 60 साल की उम्र के बाद भी पिता बन सकते हैं। लेकिन, यह भी सच है कि 40 साल की उम्र के बाद उनके स्पर्म की क्वालिटी का स्तर कम हो जाता है। इसके साथ ही, इस उम्र में पुरुष अपने जेनेटिक डिफेक्ट्स भी बच्चे को उन पुरुषों की तुलना में अधकि ट्रांसफर कर सकते हैं, जो कम उम्र में पिता बनते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान

अगर आप 40 की उम्र में मां बनना चाहती हैं, तो बहुत जरूरी है कि आप इसके लिए पहले से प्लानिंग करें। नई दिल्ली के मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर से डॉ. शोभा गुप्ता, चिकित्सा निदेशक स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ कहती हैं, “इस दौरान सभी जरूरी सावधानियां बरतें। साथ ही, मिसकैरेज जैसी दुर्घटनाओं के लिए खुद को तैयार रखिए। इसके अलावा, कई बार 40 साल की उम्र में नैचुरल तरीके से कंसीव करना काफी मुश्किल हो जाता है। कई अध्ययन भी यह साबित कर चुके हैं कि 40 साल की उम्र के बाद नैचुरल तरीके से कंसीव करने की क्षमतमा में 5-10 फीसदी की गिरावट आ जाती है। इसलिए अगर तमाम कोशिशों के बावजूद आप इस उम्र में नैचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पा रहे हैं, तो कुछ बातों पर गौर करें, जैसे अपनी पीरियड साइकिल पर नजर रखें, लाइफस्टाइल में सभी चीजें हेल्दी करें, हेल्दी डाइट लें और तनाव कम लें। इसके अलावा, इस उम्र में पेरेंट बनने के लिए कुछ अन्य विकल्पों को चुन सकते हैं, जैसे आईवीएफ, डोनर एग आईवीएफ।”

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