बवासीर की शिकायत होने पर मरीजों के गुदे के अंदर और बाहर सूजन हो जाती है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में आपने देखा होगा कि मरीज को इस बीमारी का पता लगने पर वह खुद इसका इलाज करने की कोशिश में लग जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इसके साथ ही अपने डाइट पर ध्यान दें। दवाई खाने के साथ-साथ सही डाइट से भी आप इस बीमारी का बचाव कर सकते हैं। बवासीर से जूझ रहे मरीजों को उचित डाइट लेना बहुत ही जरूरी होता है। बवासीर के रोगियों डाइट से पहले इसके लक्षण और कारण जानने की जरूरत है। आइए जानते हैं बवासीर लक्षण, कारण और किस तरह होने चाहिए डाइट-
बवासीर के कारण (Causes of Haemorrhoids in Hindi)
महिला और पुरुष दोनों को ही बवासीर की शिकायत हो सकती है। आइए जानते हैं बवासीर के प्रमुख कारण क्या हैं?
टॉप स्टोरीज़
- गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को बवासीर की शिकायत हो सकती है।
- मोटापा बढ़ने से भी आपको बवासीर की परेशानी हो सकती है।
- मलोत्सर्जन के दौरान काफी तनाव की स्थिती बवासीर के प्रमुख लक्षण होते हैं।
- गुदा संभोग भी बवासीर के कारण होते हैं।
- कई दिनों तक कब्ज और दस्त की शिकायत
- अधिक भार वाली चीजें उठाने से भी कुछ लोगों को बवासीर की शिकायत होती है।
- कुछ लोगों को अनुवांशिक कारणों से भी बवासीर की शिकायत होती है।
- कम फाइबरयुक्त आहार का सेवन करने वाले लोगों को बवासीर की परेशानी होती है।
बवासीर के लक्षण (Symptoms of Haemorrhoids )
- गुदे के पास दर्द होना।
- गुदे के असपास संवेदनशील महसूस होना।
- गुदे में खुजली की शिकायत होना।
- मल त्यागने पर दर्द और जलन होना।
- मल त्यागने पर मल से रक्त निकलना
- कुछ लोगों को गुदे के चारों ओर सूजन होती है।
- एनीमिया के लक्षण भी बवासीर की परेशानी होने पर दिख सकते हैं।
- शारीरिक रूप से कमजोरी औ थकान महसूस होना।
बवासीर रोगियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
डाइट मंत्रा क्लिनिक की डायटिशियन कामिनी कुमारी का कहना है कि भोजन में कम फाइबरयुक्त आहार लेने से बवासीर की शिकायत होती है। ऐसे में मरीजों को अपने डाइट में फाइबर की अधिक मात्रा शामिल करनी चाहिए। इसके साथ ही मरीजों को ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए, तो उनके मल को कड़ा करते हैं। आइए एक्सपर्ट कामिनी से जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
क्या खाएं बवासीर रोगी (Diet During Piles or Hemorrhoids)
अनाज - गेहूं, ओट्स, रागी, पुराने चावल, बाजरा इत्यादि फाइबरयुक्त अनाज।
दाल - मूंग, मसूर, अरहर, चना।
फल एवं सब्जियां - टिण्डा, सहजन (शिग्रु), परवल, मूली, मूली की पत्तियां, लौकी, तोरई, करेला, कद्दू, चौलाई, बथुआ, पपीता, आंवला, जिमीकंद, फाइबर युक्त फल– खीरा, गाजर, सेम, बीन्स, संतरा, शकरकंद इत्यादि।
- इन चीजों को अलावा आप खाने में काले नमक को शामिल करें।
- अधिक से अधिक पानी पिएं।
- हल्दी वाला दूध पिएं।
- सौंफ और पुदीने का जल पिंए।
- गर्म नींबू पानी भी आपके लिए अच्छा हो सकती है।
- हींग और पंचकोल का सेवन करना बवासीर के रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है।
- हैवी ना खाएं। खाने को कई हिस्सों में बांटकर खाएं।
- नियमित रूप से एलोवेरा जूस पिएं।
क्या ना खाएं बवासीर रोगी (Food to Avoid in Piles Disease)
अनाज - बवासीर के रोगियों को मैदा और नए धान का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
दाल - मटर, उड़द दाल, सोयाबीन, काबुली चना और छोले कम खाना चाहिए।
फल एवं सब्जियां - मिर्च, आलू, शिमला, कटहल, अरबी, बैंगन, भिंडी, आड़ू, जामुन, केला, कच्चा आम जैसी सब्जियों और फलों का सेवन बवासर रोगियों को नहीं करना चाहिए।
- तेल, गुड़, चाट पकौड़ी जैसे आहार से भी बवासीर रोगियों को दूर रहना चाहिए।
- तैलीय मसालेदार भोजन आहार भी बवासीर रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता है।
- मांसाहार भोजन का सेवन भी बवासीर रोगियों को नहीं करना चाहिए।
- तैल और घी बेकरी उत्पाद से भी बवासीर रोगियों को दूर रहना चाहिए।
- जंक फूड्स और डिब्बाबंद चीजों से भी बवासीर रोगियों को दूर रहना चाहिए।

बवासीर रोगी करें जीवनशैली में बदलाव ( Lifestyle for Piles Patient)
बवासीर रोगी अपने जीवनशैली में बदलाव करके खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए जानते हैं उन बदलाव के बारे में-
- सप्ताह में 1 दिन व्रत जरूर रखें।
- जंक-फूड्स का सेवन ना करें।
- तनाव और गुस्सा ना करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- पानी अधिक पिएं।
- तली-भुनी और मिर्च मसाले वाली चीजों से दूर रहें।
- अधिक समय तक एक ही जगह पर ना बैठें।
- योगा और प्राणायाम करें।
- शौच करते समय ज्यादा तनाव ना डालें।
- फ्रेश और गर्म आहार ली खाएं।
- मन को शांत रखें।
- सकारात्मक एवं खुश रहें।
- दिन में तीन से चार बार भोजन जरूर करें।
- अपने भोजन का समय तय करें। किसी भी समय भोजन ना करें
- पेट का एक हिस्सा हमेशा खाली रखें।
- खाने को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं।
- खाने के बाद करीब 5 मिनट तक जरूर टहलें।
- दिन में दो बार दांतों को साफ करें।
- रात को जल्दी सोएं।