
Diarrhea in Children: छोटे बच्चों में डायरिया (दस्त) एक आम समस्या है। हालांकि, इससे वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। डायरिया का मुख्य कारण जीवाणु संक्रमण, विषाणुजनित संक्रमण, कुछ चीजों को पचाने में परेशानी, परजीवी जो भोजन या पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, दवाओं का रिएक्शन आदि है। इसके लक्षण हर बच्चे में अलग-अलग हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: ऐंठन, पेट दर्द, सूजन, मतली आना, बार-बार टॉयलेट आना, बुखार, मल में खून आना आदि।
डायरिया से बचाव के लिए खानपान को सही रखना चाहिए साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कई उपाय बताए हैं। जिनके बारे में यहां हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।
डायरिया क्या है - What Is Diarrhea
दस्त या डायरिया तब होता है जब स्टूल (मल) ढीला और पानीदार हो जाता है। इस स्थिति में आपके बच्चे को भी अधिक बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। डायरिया एक आम समस्या है। जो एक या दो दिन तक रह सकता है और अपने आप ठीक हो जाता है। यदि डायरिया दो दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो आपको तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि यह गंभीर समस्या हो सकती है।
डायरिया का उपचार- Diarrhea Treatment
डायरिया से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय निम्नलिखित सुझाव दिए हैं, जो आपको अपने बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी:
- ओआरएस का एक पैकेट एक लीटर पानी में अच्छी तरह से घोलें। इसे बच्चों को दस्त शुरु होने से लेकर दस्त ठीक होने तक देना है।
- दस्त लगने के साथ ही ओआरएस का घोल पिलाएं और इस क्रम को दस्त खत्म होने के बाद तक जारी रखें।
- आप जिंक की गोली को एक चम्मच पानी या मां के दूध में घोलकर पिलाएं, इसे 14 दिन तक जरूर पिलाना चाहिए।
- जिंक दस्त की तीव्रता को कम करता है, इससे तीन माह तक दस्त नहीं होता इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- दस्त लगने के दौरान और बाद में बच्चे को मां का दूध और आहार देना जारी रखें।

उम्र के अनुसार ओआरएस का घोल की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
- 2 माह से कम उम्र के बच्चे को प्रत्येक दस्त के बाद 5 चम्मच ओआरएस का घोल पिलाएं।
- 2 माह से 2 वर्ष तक के बच्चे को हर दस्त के बाद एक चौथाई कप से आधा कप तक ओआरएस का घोल देना चाहिए।
- 2 से 5 साल तक के बच्चे को आधा कप से एक कप तक दस्त के बाद ओआरएस का घोल देना चाहिए।
उम्र के अनुसार जिंक की डोज कितनी होनी चाहिए?
2 से 6 माह तक के बच्चों को आधी गोली साफ पानी या मां के दूध में घोलकर पिलाएं। जबकि 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली जिंक की देनी चाहिए। जिंक को 14 दिनों तक नियमित रूप से देना चाहिए।
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