दिल्ली में डेंगू के मामले तेजी से पैर पसार रहे हैं। अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। अभी तक डेंगू के 190 मामले सामने आ चुके हैं। जून की तुलना में मरीजों की संख्या लगभग दोगुना बढ़ी है। दिल्ली के एलएनजेपी और एम्स के साथ-साथ अन्य निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मामलों की रोजाना पुष्टी की जा रही है। एमसीडी द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक साल 2023 के शुरुआती 7 महीनों में पहले की तुलना में डेंगू के मामले बढ़ते हुए देखे गए हैं।
डेंगू ने तोड़ा पिछले 5 साल का रिकॉर्ड
जनवरी से लेकर 22 जुलाई 2023 तक डेंगू के 187 मरीजों की पुष्टी की जा चुकी है। इन आंकड़ों ने दिल्ली में डेंगू के पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं दिल्ली में साल 2018 में 49 मामले, 2019 में 34, 2020 में 28, 2021 में 47 और साल 2022 में 159 मामलों की पुष्टी की गई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक भारत में साल 2022 में डेंगू के कुल मामलों की संख्या लगभग 2,33,000 थी।
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एक्टिव स्ट्रेन का लगाया जाएगा पता
इस साल डेंगू के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के एक्टिव मामलों का टेस्ट कराके इसके स्ट्रेन का पता लगाया जाने की तैयारी की है। डेंगू के कुल 4 स्ट्रेन हैं, जिनमें डेन 1, डेन 2, डेन 3 और डेन 4 हैं। हालांकि, इनमें से कुछ स्ट्रेन सामान्य होते हैं, जिससे डेंगू होने के बाद भी मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होती है।
डेंगू से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव के मुताबिक डेंगू होने पर शरीर में फ्लूड की कमी न होने दें। शरीर में फ्लूड कम होने पर प्लेटलेट्स की भी कमी हो जाती हैं। डेंगू होने पर लापरवाही बरतने के बजाय चिकित्सक की राय लें। डेंगू से बचने के लिए बर्तन या फिर टंकी में पानी जमा न होने दें। सोने से पहले घर के दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर लें। ऐसे में डाइट में सुधार करना भी काफी अहम हो जाता है।