मेथी दाना हो या दालचीनी, खीरा हो या शलजम, मधुमेह के मरीजों के लिए है बेहद फायदेमंद, डायटीशियन से जानें

मधुमेह रोगियों के लिए रसोई में छिपा है उपचार। इस लेख के माधयम से जानें डायटीशियन द्वारा साझा किए गए कुछ अनोखे तरीके। पढ़ते हैं आगे
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मेथी दाना हो या दालचीनी, खीरा हो या शलजम, मधुमेह के मरीजों के लिए है बेहद फायदेमंद, डायटीशियन से जानें

डायबिटीज अब हर उम्र को परेशान कर रहा है। बता दें कि मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टर्स के कहने पर लोग परहेज तो करते हैं लेकिन इसे जड़ से मिटाना बेहद जरूरी है। ध्यान दें कि अगर आपको भी इसकी समस्या है तो आपकी रसोई में मधुमेह से लड़ने के लिए कई चीज़ें उपलब्ध हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आप किन चीज़ों का सेवन करके मधुमेह रोग से लड़ सकते हैं। इस विषय पर हमने डायटीशियन से भी बात की है। जानते हैं कुछ देशी नुस्खे मधुमेह रोगियों के लिए। पढ़ते हैं आगे...

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नींबू के फायदे

बता दें कि मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। उनका बार-बार मन करता है पानी पीने का। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नींबू निचोड़कर पीने से गला तर रहता है। और इसके रस से प्यास की अधिकता शांत होती है। ऐसे में नींबू एक अच्छा विकल्प हो सकता है। 

खीरा के फायदे

मधुमेह के मरीजों को भूख में थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। उन्हें तेल-घी, मक्खन का सेवन हल्की मात्रा में करना चाहिए। ऐसे में मरीज को बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा एक बेहतर विकल्प साबित होता है। खीरे की तासीर ठंडी होती है और इसे खाकर आसानी से भूख मिटाई जा सकती है।

गाजर-पालक से मिलेगा फायदा

मधुमेह के रोगियों के लिए गाजर के साथ पालन भी बेहजद फायदेमंद होती है। इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इनमें प्राकृतिक मिठास होती है। इससे न केवल शुगर के रोगियों के लिए लाभ मिलता है बल्कि ये आंखों की कमजोरी को दूर करने के लिए ये लाभकारी है।

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शलजम के फायदे

मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं। बता दें कि अगर शुगर के मरीज शलमज को अपनी डाइट में जोड़ते हैं तो इससे पेट की समस्या भी दूर हो जाती है। 

जामुन के फायदे

मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। बता दें कि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में करना चाहिए। 

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जामुन की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र के जरिये शुगर की मात्रा कम होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों के लिए इससे अच्छा विकल्प कुछ नहीं हो सकता।

 नोट- मेथी दाना और दालचीनी खाने की भी सलाह दी जाती है।

(ये लेख मैक्स सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल गाज़ियाबाद की डायटीशियन निधि सहाय से बातचीत पर आधारित है।) 

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