
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण केंद्र सरकार ने पूरे देश को 1 सप्ताह के लिए खुद को बाकी लोगों से अलग घर परिवार में रहने की सलाह दी है।
भारत में कोरोना वायरस COVID-19 के चलते केंद्र सरकार ने पूरे विश्व से एक सप्ताह के लिए खुद को अलग- थलग यानि अपने घर में आइसोलेट करने का फैसला लिया है। लेकिन डॉ. रमन आर गंगाखेडकर ने कहा कि अगर कम्युनिटी ट्रांसमिशन या सामुदायिक प्रसारण पाया जाता है और भारत COVID-19 के प्रकोप के 3 चरण में प्रवेश करता है, तो परीक्षण की रणनीति तुरंत बदल जाएगी। हालांकि, इस बीच की एक अच्छी खबर आई है, कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के द्वारा दावा किया गया है कि भारत में कोरोना वायरस समाज में फैल नहीं रहा है, यानि कि अगर किसी एक व्यक्ति में पॉजिटिव लक्षण पाए गए हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसकी वजह से पूरे इलाके में इसका असर फैल जाएगा।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या है?
कोरोना वायरस के चलते कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मतलब है कि यात्रा इतिहास के बिना किसी इतिहास के वायरस का समुदाय के लोगों के बीच फैलने की एक श्रृंखला है और इसमें वायरस ट्रांसमिशन की वजह या जड़ को खोजना मुश्किल है।
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सांस और अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का लिया टेस्ट
कम्युनिटी ट्रासमिशन टेस्ट के लिए ICMR ने उन लोगों के सैंपल लेने शुरू किए, जिन्हें सांस और अन्य कोई गंभीर तरह की बीमारियों के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जिसमें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में 826 सैंपल लिए गये, जिसमें कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जांच की गई और इसमें गंभीर श्वास जैसी अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों ने नेगेटिव टेस्ट के साथ वापसी की।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डॉ. रमन आर गंगाखेडकर ने बताया, '' अगर सामुदायिक प्रसारण यानि कम्युनिटी ट्रोसमिशन पाया जाता है और भारत COVID-19 के प्रकोप के 3 फेस में प्रवेश करता है, तो परीक्षण की रणनीति तुरंत बदल जाएगी। रणनीति अधिक लोगों का पता लगाने के लिए होगी और उसके लिए, हमें टेस्ट को बढ़ाना होगा और इसे अधिक सुलभ बनाना होगा।"
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आमतौर पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च वायरस रिसर्च और क्लीनिकल डाइग्नोस्टिक लाइब्रेरी (VRDL) नेटवर्क को भेजे जाते हैं। आईसीएमआर इन सैंपल को जांचने के लिए उनका परीक्षण कर रहा था ताकि यह पता चल सके कि देश में कोरोनावायरस का प्रसार हुआ है या नहीं।
ICMR ने शुरू में 13 VRDLs में 150 सैंपल का टेस्ट किया और 1 मार्च से 15 मार्च के बीच, उन्होंने 51 प्रयोगशालाओं, में 20 प्रति प्रयोगशाला में 1020 नमूने लिए। जिसमें कि 1,020 में से, 826 नेगेटिव टेस्ट के साथ वापस आ गए हैं और 194 सैंपल के रिजल्ट आने अभी बाकी हैं।
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