हेल्थ प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने वाले सेलिब्रिटी और इंफ्लुएंसर के लिए जारी किए दिशानिर्देश, देना होगा डिस्क्लेम

कंज्यूमर कोर्ट ने स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले लोगों के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसमें हेल्थ एक्सपर्ट्स को कुछ नसीहत दी गई है। 
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हेल्थ प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने वाले सेलिब्रिटी और इंफ्लुएंसर के लिए जारी किए दिशानिर्देश, देना होगा डिस्क्लेम

खुद को हेल्थ और फिटनेस इंफ्लूएंसर बताने वाले एक्सपर्ट्स को अब अपने एक्सपर्ट होने का प्रमाण देना होगा। गुरुवार को कंज्यूमर कोर्ट ने स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले लोगों के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने बिना प्रमाण के किसी भी स्वास्थ्य उत्पादों का दावा करने से बचने की सलाह दी है। इन नियमों और प्रावधान को तोड़ने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 

एक्सपर्ट होने का प्रमाण देना जरूरी 

दरअसल, मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक चिकित्सकों, इंफ्लूएंसर और एक्सपर्ट्स द्वारा किसी भी हेल्थ प्रोडक्ट या फिर स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी क्लेम करने से पहले इस बात की जानकारी देनी होगी कि वे एक सर्टिफाइड चिकित्सक या एक्सपर्ट हैं। दरअसल, कुछ इंफ्लूएंसर और फिटनेस एक्सपर्ट सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को हेल्थ प्रोडक्ट्स की जानकारी देते हैं, जो कई बार गलत भी साबित होती है। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए अब उन्हें अपने बारे में बताना होगा, जिससे जानकारी पर भरोसा किया जा सके। 

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एक्सपर्ट से ही लें सलाह 

मंत्रालय ने लोगों को हेल्थ एक्सपर्ट्स से ही स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी लेने की सलाह दी है। हालांकि, इनमें आम जानकारियों के लिए छूट दी गई है जैसे पानी पीना, एक्सरसाइज करने के फायदे, फिट रहने के लिए अच्छी नींद लेना या फिर सेहतमंद रहने के तरीकों के बारे में सलाह लेने के लिए छूट दी गई है। अन्य जानकारियां जैसे दवाओं के बारे में, इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके या फिर पोषक तत्वों और पोष्टिक आहार से मिलने वाले फायदों के बारे में जानने के लिए मंत्रालय ने केवल हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लेने की नसीहत दी है। 

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आयुष मंत्रालय की सलाह के बाद लिया निर्णय

कंज्यूमर कोर्ट के फैसले पर भारत सरकार ने कहा कि यह फैसला स्वास्थ्य, आयुष मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण और विज्ञापन मानक परिषद से सलाह और विचार करने के बाद ही निर्णय लिया गया है। लोगों को गलत जानकारी मिलने से बचने के लिए ही यह फैसला लिया गया है। 

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