आधे नहीं पूरे लाभ के लिए है अर्ध चक्रासन

अर्ध चक्रासन में शरीर आधा चक्र बनाता है इसलिए इसे अर्धचक्रासन कहते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि अर्धचक्रासन आधा नहीं बल्कि शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचाता है, इसे सही तरीके से करने की विधि और इसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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आधे नहीं पूरे लाभ के लिए है अर्ध चक्रासन


चूंकि अर्धचक्रासन में शरीर आधा चक्र बनाता है इसलिए इसे अर्धचक्रासन कहते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि अर्धचक्रासन आधा नहीं बल्कि शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचाता है। इस आसन में सबसे अहम हमारी सांस लेने की क्रिया पर जोर देना होता है। इसकी एक वजह यह है कि अर्ध चक्रासन के दौरान सांस की गति में हेरफेर होने से हमारे स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। इसे सामान्यतः विशेषज्ञ की देखरेख की जरूरत नहीं पड़ती। बावजूद इसके इसमें लापरवाही बरतना सही नहीं है। इस आसन के तहत अपने पोस्चर का ख्याल रखना आवश्यक है। गलती करने से हड्डी पर असर दिखता है। यहां तक कि कमर को पीछे की ओर ज्यादा मोड़ने की कोशिश भी खतरनाक साबित हो सकती है। यह रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकता है।

 

बीमारियों को दूर करे

बहरहाल अर्धचक्रासन के असंख्य लाभ हैं। कमरदर्द से लेकर मांसपेशियों तक को यह सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे हमारे शरीर में लचीलापन तो आता ही है साथ ही हम सीधे होकर खड़े होना भी सीख जाते हैं। छाती बाहर की तरफ होती है और कंधे कड़े हो जाते हैं। दरअसल रोजमर्रा की दौड़-भाग में नोटिस करते हैं कि हम अकसर सामने की ओर झुककर काम करते हैं, बैठते हैं। नतीजतन हमारी कमर आगे की ओर झुक जाती है। जिससे कमरदर्द जैसी समस्याओं का जन्म होता है। ऐसी तमाम समस्याओं का निदान अकेले अर्धचक्रासन में समाहित है।

इसके फायदे

कमर दर्द, स्लिप डिस्क और सायटिका के मरीजों को तमाम आसन करने से बचना चाहिए। लेकिन यह एक ऐसा आसन है जिसे करने से उन्हें भी लाभ पहुंच सकता है। यही नहीं इसके नियमित करने से पीठ, गर्दन और कमर की मांसपेशियों को बल मिलता है। परिणामस्वरूप ज्यादा शारीरिक काम करने के बावजूद हमें थकन का एहसास कम होता है।

अर्धचक्रासन का एक लाभ यह भी है कि हम सीधे होकर चलना सीख जाते हैं। जिन लोगों का ज्यादातर काम कुर्सी पर बैठकर करने का होता है, उनके लिए यह आसन किसी वरदान से कम नहीं है। जब भी कमर में अकड़न हो, पीठ में दर्द हो या गर्दन दर्द से परेशान हो रही हो। इस आसन को एक बार कर लेने से इस तरह की समस्याओं से छुट्टी मिल जाती है। इस आसन की सबसे अच्छी बात यह है कि जब भी थकान महसूस करें तभी इस आसन को किया जा सकता है। इसके लिए विशेष समय की भी जरूरत नहीं होती और न ही जगह के चयन से सम्बंधित कोई समस्या है।
Ardh Chakrasana Yoga in Hindi

बरतें थोड़ी सावधानी

इस आसन को करते हुए यह ध्यान रखें कि कभी भी अपनी कमर को अतिरिक्त मोड़ने की चेष्टा न करें। इससे कमर में लचक आ सकती है। अपनी गर्दन कभी झटके से पीछे न ले जाएं। इससे गर्दन के अकड़ने की आशंका बढ़ जाती है। यह आसन शरीर को संतुलित बनाए रखना सिखाता है। इसलिए हमेशा अपने शरीर के संतुलन में फोकस करें। फिर चाहे वह कमर हो या गर्दन।

योग का फायदा तभी मिलता है जब इसे आप नियमित रूप से करते हैं, कोशिश यह करें कि योगासन सुबह के वक्‍त करें।

 

Image Source - Getty

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