Study: CKM Syndrome से बढ़ता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम, जानें इस सिंड्रोम के बारे में

एक स्टडी के मुताबिक CKM Syndrome होने से हार्ट की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। आइये जानते हैं इसके बारे में। 
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Study: CKM Syndrome से बढ़ता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम, जानें इस सिंड्रोम के बारे में


हार्ट से जुड़ी बीमारियां आज के समय में काफी बढ़ गई हैं। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दुनियाभर में लाखों लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक से पीड़ित हैं। हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक CKM Syndrome होने से हार्ट की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। आइये जानते हैं इसके बारे में। 

क्या है सीकेएम सिंड्रोम - What is CKM Syndrome?

दरअसल, सीकेएम एक कार्डियोवैस्कुलर, किडनी और मेटाबॉलिक सिंड्रोम है, जो आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। यह एक प्रकार की बीमारियों का समूह है, जिसमें कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम और किडनी प्रभावित होने के साथ ही मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह तीनों बीमारियां आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड हैं। यह सिंड्रोम शरीर के बहुत से अंगों को प्रभावित कर सकता है। इससे किडनी, लिवर, हार्ट और ब्रेन आदि प्रभावित हो सकते हैं। 

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बन सकता है हार्ट से जुड़ी समस्याओं का कारण 

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मानें तो सीकेएम सिंड्रोम हार्ट से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस सिंड्रोम का खतरा लोगों में अधिक है। सोमवार को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित एक एडवाइजरी के मुताबिक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानि दिल से जुड़ी बीमारियों, किडनी की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का आपस में सीधा संबंध है। जिसके बाद इसे कार्डियोवैस्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम का नाम दिया गया है। ASA के मुताबिक यूएाइटेड स्टेट में 3 में से एक व्यक्ति इस सिंड्रोम के जोखिम का सामना कर रहा है। 

ckmsyndrome

कार्डियोवैस्कुिलर सिस्टम को हेल्दी रखने के तरीके 

  • कार्डियोवैस्कुिलर सिस्टम को हेल्दी रख हार्ट से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। 
  • इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने की जरूरत है। 
  • इसके लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहें और शारीरिक गतिविधियों में भी शामिल हों। 
  • इसके लिए वजन को नियंत्रित रखें और मोटापे को न बढ़ने दें। 
  • कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए शराब और सिगरेट पीने से परहेज करें। 
  • ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट भी बेहद जरूरी है। इसके लिए तनाव को कम करें। 

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