हाल में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे तनाव का पता लगाया है, जिसकी उपस्थिति होने से डीएनए में बदलाव हो जाता है और यह उम्र बढ़ाने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक इस विशेष तनाव की उपस्थिति मनुष्यों में भी खोजने का प्रयास कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने तनाव के फायदे यानि पॉजिटिव इफेक्ट को खोज निकाला है। यह उम्र बढ़ाने वाले तनाव को क्रोमैटिक स्ट्रेस का नाम दिया गया है।
अध्ययन के अनुसार क्या है क्रोमैटिक स्ट्रेस?
अध्ययन में ह्यूस्टन मेथडिस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने इसका परीक्षण चूहों, कीड़ों-मकोड़ों और यीस्ट में किया, जिसमें पाया गया कि क्रोमैटिक स्ट्रेस की मौजूदगी डीएनए में परिवर्तन हो जाता है। जिससे कि उनकी उम्र लंबी हो गई और उम्र बढ़ने के संकेत भी कम हो गए। मनुष्यों में भी इस खास तनाव को खोजने का प्रयास जारी है।
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क्या क्रोमैटिक स्ट्रेस से बढ़ सकती है मनुष्यों की उम्र ?
शोधकर्ता इस विषय पर और अधिक अध्ययन कर रहे हैं और जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस खास तरह का तनाव की उपस्थिति इंसानों में भी होती है। यदि ऐसा हुआ, तो मनुष्यों की उम्र बढ़ाई जा सकती है और उनकी बढ़ती उम्र के संकेतों को कम किया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।
तनाव के दुष्परिणाम
कम मात्रा में तनाव मस्तिष्क में एड्रिनेलिन निर्माण में सहायक है, जिससे आपकी ऊर्जा का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। लेकिन इसके विपरीत तनाव कई बड़ी बीमारियों का कारण बनता है। यह आपको शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से प्रभावित कर सकता है। तनाव के कारण आपके वजन में आश्चर्यजनक बदलाव, अनिद्रा, चीजों को जल्दी भूल जाना, त्वचा और बालों पर बुरा असर पड़ने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव और कई अन्य बड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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