
चिरायता एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल पहले बुखार उतारने के लिए किया जाता था। ये बाजार में विभिन्न रूपों जैसे पाउडर, कैप्सूल और क्वाथ में उपलब्ध है और इसे लोग अलग बीमारियों के घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि चिरायता ब्लड शुगर कंट्रोल (chirata herb for diabetes) करने में भी मददगार है? तो हां, चिरायता ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार। दरअसल, इसका हाइपोग्लाइकेमिक गुण शरीर में ब्लड शुगर में अचानक होने वाले स्पाइक को रोकता है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले कुछ अव्यय पेनक्रिएटिक सेल्स से इंसुलिन के प्रोडक्शन को एक्टिवेट करते हैं और शुगर पचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए चिरायता बहुत फायदेमंद है। आइए जानते हैं शुगर में चिरायता का उपयोग कैसे करें और फायदे (Chirata benefits for diabetes)
शुगर में चिरायता का उपयोग कैसे करें-How to use chirata in diabetes
1. खाली पेट पिएं चिरायता का पानी
खाली पेट चिरायता का पानी पीने से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। दरअसल, खाली पेट में जब आप चिरायता का पानी पीते हैं तो ये आपके मेटाबोलिक प्रोसेस को तेज करता है और पेट के काम काज को सही करता है। ऐसे में आपका पेट साफ रहता है और जो कि फास्टिंग ब्लड शुगर को कम कर देता है। इसके अलावा जब आप खाली पेट चिरायता का पानी पीते हैं तो इससे आपका ब्लड शुगर अचानक से नहीं बढ़ता और शरीर का शुगर कंट्रोल रहता है।
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2. चिरायता की चाय
डायबिटीज में चिरायता की चाय बहुत ही फायदेमंद है। दरअसल, डायबिटीज में चिरायता की चाय स्टार्च पचाने में मदद करता है और बदले में इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। इसके अलावा इस कड़वी जड़ी बूटी में एंटीऑक्सीडेंट, अल्कलॉइड और ग्लाइकोसाइड होता है जो कि शरीर के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें मजबूत एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होता है जो कि शरीर को दूसरी बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। दरअसल, इसका एंटीवायरल गुण बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकता है और डाबिटीज में घावों के उपचार में मदद करते हैं।
3. पाचन को बढ़ावा देता है चिरायता का काढ़ा
डायबिटीज में अक्सर लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। जैसे कि गैस, बदहजमी और कब्ज की समस्या। ऐसे में ये जड़ी बूटी एंटासिड की तरह काम करती है और अपच, अल्सर, गैस्ट्र्रिटिस की समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। इससे शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा मिलता है और मेटाबोलिक रेट को तेज होता है जिससे खाना पचाने में मदद मिलती है। इसके लिए आप चिरायता का काढ़ा बना कर पी सकते हैं।
4. स्किन समस्याओं में मददगार चिरायता का चूर्ण
डायबिटीज के मरीजों में स्किन से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं। ऐसे में चिरायता का चूर्ण खाना या फिर इसका जूस पीना स्किन समस्याओं में मददगार है। दरअसल, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है जो कि खून साफ करने में मददगार है। यह खून से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और इसलिए त्वचा रोगों को प्रबंधित करने में मदद करता है। यह चकत्ते, सूजन, लालिमा, खुजली, जलन के प्रबंधन में भी बेहद उपयोगी है और इस प्रकार त्वचा के फटने, मुंहासे, फुंसी, एक्जिमा, फोड़े और खुजली के उपचार में मदद करता है।
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5. लिवर के लिए फायदेमंद
चिरायता में शक्तिशाली हेपेटोप्रोटेक्टिव और हेपेटोस्टिमुलेटिव गुण होते हैं जो लिवर डिटॉक्स करने में मददगार है। इसका शक्तिशाली जड़ी बूटी पित्त को बैलेंस करता है और इसके लिवर के कामकाज को बढ़ावा देता है। ये लिवर के एंजाइम प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है। इस तरह ये लिवर के काम काज को तेज करता है और इसे हेल्दी रखता है। इसके लिए चिरायता को कूट कर या असके चूर्ण में शहद मिला कर इसका सेवन करें।
चिरायता के सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू के लक्षणों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह छाती और नाक के भीतर जमा बलगम को पतला करता है और इसे पिघलता है। इस तरह ये शरीर को बलगम से तेजी से छुटकारा पाने में मदद करता है। तो, डायबिटीज के मरीज चिरायता को इन तमाम तरीकों से इस्तेमाल करके अपनी कई परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
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