डोपामाइन हार्मोन्स यानि हैप्पी हार्मोन्स आपको खुश रखने में मदद करते हैं। शरीर में इन हार्मोन्स के रिलीज होने पर मूड बेहतर होता है साथ ही साथ खुशी का एहसास होता है। यह एक तरह से स्ट्रेस कम करने वाले हार्मोन्स हैं, जो तनाव और एंग्जाइटी को कम करने में भी मददगार साबित होते हैं। हाल ही में जर्नल साइंस एडवांसेस शोज में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक शरीर में डोपामाइन हार्मोन्स में बदलाव होने पर इंसान के व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
दरअसल, स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक डोपामाइन हार्मोन एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है, जो ब्रेन में कैमिकल मैसेंजर की तरह काम करते हैं। यह हार्मोन्स नर्व सेल्स पर काम करते हैं और शरीर और ब्रेन के बीच के आपसी तालमेल को नियंत्रित रखते हैं। जिससे तनाव और एंग्जाइटी कम होती है साथ ही साथ आपको खुशी का एहसास होता है।
डोपामाइन हार्मोन्स कम होने पर क्या होता है?
- डोपामाइन हार्मोन्स कम होने पर शरीर कई तरह से प्रभावित होती है।
- ऐसे में व्यक्ति को पार्किंसन की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
- इस स्थिति में इंसान स्ट्रेस का शिकार हो जाता है, जिससे डिप्रेशन होने का भी खतरा बढ़ता है।
- इससे रेस्टलेस लंग सिंड्रोम जैसी समस्या होने की भी आशंका रहती है।
डोपामाइन हार्मोन बढ़ाने के तरीके
- डोपामाइन हार्मोन को कई तरीकों से बढ़ाया जा सकता है।
- डोपामाइन हार्मोन बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें।
- इसके लिए बेहतर और पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
- यह हार्मोन बढ़ाने के लिए मेडिटेशन और योग करें।
- डोपामाइन बढ़ाने के लिए लोगों से बातचीत करें साथ ही सोशल एक्टिविटीज में भी शामिल हों।
- इसके लिए शराब का सेवन करने से बचें।