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आजकल की व्यस्त दिनचर्या में आपका सारा दिन लैपटॉप या ऑफिस में सिस्टम के सामने गुजरता है। उसके बाद आपकी आँखों से लेकर पीठ और कमर की हालत खराब हो सकती है। कई बार तो दर्द इतना बढ़ जाता है कि आपके लिए उठकर खड़ा होना भी मुश्किल सा लगता है। इसके अलावा कई लोगों के घुटनों और गर्दन में दर्द की दिक्कत भी हो सकती है। इससे बचने के लिए कई लोग गले में बेल्ट और कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए कई तरह की थेरेपी लेते हैं लेकिन इससे कोई खास आराम नहीं मिल पाता है और रोज की भागदौड़ में दर्द बढ़ता जाता है लेकिन आपको इससे निजात मिल सकती है और आप शरीर को स्वस्थ भी रख सकते हैं। चक्रवाकासन को आप वर्क फ्रॉम होम या ऑफिस से घर आने के बाद कुछ समय निकालकर आसानी से कर सकते हैं। इससे पूरे गर्दन और पीठ की मांसपेशियों में आराम मिलता है और नसों में भी सूजन की समस्या कम हो सकती है। योग से पूरे शरीर को लाभ मिलता है। आइए विस्तार से चक्रवाकासन के फायदे और करने के सही तरीके के बारे में।
चक्रवाकासन के फायदे
1. इससे आपकी पीठ और कमर की मांसपेशियों को आराम मिलता है। साथ ही लंबे समय तक बैठे रहने के कारण जो अकड़न और परेशानी होती है, उससे भी निजात मिल सकती है।
2. चक्रवाकासन के अभ्यास से पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर हो सकती है। इससे कब्ज और एसिडिटी से भी निजात मिलती है।
3. यह आपके दिमाग को शांत करने और स्ट्रेस कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
4. इस आसन के अभ्यास से गर्दन और रीढ़ की हड्डियों को सीधा करने में सहायता मिलती है।
5. इससे आसन के अभ्यास से आप अपने पॉश्चर में भी सुधार ला सकते हैं। कई बार बहुत देर तक बैठकर काम करने के बाद धीरे-धीरे हमारे शरीर की बनावट खराब होने लगती है और शरीर सुडौल नहीं रह पाता है। ऐसे में चक्रवाकासन आपकी मदद कर सकता है।
6. यह शरीर के निचले हिस्से और कूल्हों के दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए सही आसन साबित हो सकता है।
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चक्रवाकासन करने का सही तरीका
1. इस आसन को करने के लिए आप मैट पर बिल्ला या गाय की तरह अपने दोनों हाथों और पैरों पर के सहारे आ जाएं।
2. अपने कंधों को अपनी कलाई के नीचे और कूल्हों को घुटनों के नीचे रखने का प्रयास करें।
3. ध्यान रखें कि आपका पूरा शरीर एक टेबल टॉप स्थिति में होना चाहिए। इस दौरान आपके पैर की उंगलियां अंदर और गर्दन लंबी रखने की कोशिश करें।
4. अब गहरी सांस लें और पेल्विस को पीछे की ओर झुकाएं ताकि आपकी टेलबोन ऊपर उठे।
5. अपने पेट की मांसपेशियों को अंदर की तरफ खींचने की कोशिश करें ताकि रीढ़ की हड्डियां आपस में मिल सके।
6. अपनी गेज को धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी पीठ को फर्श की ओर मोड़ें।
7. अपनी टेलबोन को झुकाएं और ऊपर की ओर देखें और गहरी सांस लें।
8. इसी अवस्था में 1 मिनट तक रहने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में वापस आएं।
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सावधानियां
1. इस आसन के दौरान अपने सिर को धीरे-धीरे नीचे करें और अपनी गर्दन के पिछले हिस्से को नियंत्रित तरीके से छोड़ें।
2. अपने पेट की मांसपेशियों में मजबूती लाने के लिए, अपने नाभि को धीरे-धीरे अपनी रीढ़ की ओर धकेलें।
3. गर्दन में दर्द और खिंचाव होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
4. इसके अलावा अभ्यास के दौरान सांसों की गति पर विशेष ध्यान दें।
5. कमर में दर्द होने पर भी इस आसन का अभ्यास बिल्कुल न करें।
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