अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। इस बीमारी में सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से सांस की नली सिकुड़ जाती है। जैसे ऐसा होता है तो, मरीज को सांस लेने में दिक्क्त, खांसी और घरघराहट जैसी परेशानियां होती हैं। बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों की समस्याएं और बढ़ जाती हैं। हालांकि, केवल मौसमी बदलाव से ही नहीं, बल्कि प्रदूषण और धूल जैसे कारक भी आपके अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। आमतौर पर अस्थमा अटैक होने का खरता अधिक तब होता है, जब मरीज किसी अस्थमा ट्रिगर या कारक के सम्पर्क में आता है। जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है, उन्हें अपने आसपास मौजूद ट्रिगर्स को पहचानकर, उनसे दूर रहना चाहिए। इस तरह आप अस्थमा को आसानी से मैनेज कर सकते हैं। आइए जानते हैं वो कौन से कारक हैं, जो आप के अस्थमा को अधिक बढ़ा सकते हैं (Causes that trigger asthma attack)।
प्रदूषण (Pollution)
हवा में मौजूद तत्व आपके अस्थमा की समस्या को भयंकर रूप से बढ़ा सकते हैं। हवा में मौजूद प्रदूषण से लेकर धुआं और पोलन मौजूद होते हैं, जो अस्थमा की एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। हवा में मौजूद छोटे-छोटे तत्व, धूल के कण और जहरीली गैस के कारण अस्थमा अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए कोशिश करें कि धूल-मिट्टी या प्रदूषण वाली जगह पर ज्यादा समय न बिताएं। इसके अलावा, घर से बाहर निकल रहे हैं। तो मास्क पहनकर निकलें।
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पालतू जानवर (Pets)
अगर आप अस्थमा के मरीज हैं, तो आपको घर में पालतू जानवर नहीं रखने चाहिए। दरअसल, पालतू जानवरों के बालों, लार और मृत कोशिकाओं से अस्थमा की समस्या अधिक बढ़ सकती है। इसलिए, अस्थमा के मरीजों को पालतू जानवर ना पालने की सलाह दी जाती है। अगर आपके घर में पालतू जानवर हैं, तो उन्हें अपने बेडरूम में ना घुसने दें। इसके अलावा, पालतू जानवर को नियमित रूप से नहलाएं और उसे छूने के बाद हाथ जरूर धोएं।
कॉकरोच (Cockroach)
घर में कॉकरोच हों, तो इससे कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं। इससे अस्थमा अटैक का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है। दरअसल, कॉकरोच के शरीर के अंगों, लार और कचरे में प्रोटीन होता है, जो अस्थमा एलर्जी का कारण बन सकता है। अगर आपके घर में कॉकरोच हैं, तो इन्हें भगाने के उपाय अपनाएं। इसके अलावा, दरवाजों या खिड़कियों, जहां से कॉकरोच घर में घुसते हों, उन्हें बंद करके रखें। घर में कॉकरोच ना आ पाएं, इसके लिए घर की नियमित साफ-सफाई करें।
पेंट (Paint)
पेंट में मौजूद केमिकल्स और गंध से भी अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ सकता है। पेंट की गंध से आपको बार-बार छींक या खांसी आ सकती है, जिससे अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है। अगर आप घर में पेंट करवाने की सोच रहे हैं, तो ऐसा पेंट चुनें, जिसमें ऑर्गेनिक कंपाउंड की मात्रा कम हो। इसके अलावा, कोशिश करें कि घर में अस्थमा और एलर्जी रहित सर्टिफाइड कंपनी का पेंट ही कराएं।
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अगर आपको अस्थमा है, तो अपने आसपास मौजूद ट्रिगर्स को पहचानें। अस्थमा अटैक को मैनेज करने के लिए अटैक ट्रिगर करने वाली चीजों से दूर रहने का प्रयास करें।
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