Thunderstorm Asthma in Hindi: एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 30 करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं। अगर हम भारत में अस्थमा के मरीजों की बात करें तो यह संख्या लगभग 3 करोड़ से ज्यादा है। दमा या अस्थमा की समस्या कई तरह की होती है। पिछले कुछ सालों से एक अलग तरह के अस्थमा की समस्या के बारे में बात हो रही है। जिस पर हुई रिसर्च यह कहती है कि यह समस्या लोगों में आंधी-तूफान की वजह से होती है। इस तरह के अस्थमा को थंडर स्टॉर्म अस्थमा (Thunderstrom Asthma in Hindi) कहते हैं। थंडर स्टॉर्म अस्थमा की वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए विस्तार से जानते हैं थंडर स्टॉर्म अस्थमा क्या है और इससे छुटकारा पाने के उपाय।
थंडर स्टॉर्म अस्थमा क्या है?- What is Thunderstorm Asthma?
पांच साल पहले ऑस्ट्रेलिया में आंधी-तूफान की वजह से सांस लेने में परेशानी के कारण 5 लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं इस तूफान की वजह से तमाम लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। वैज्ञानिकों ने जब इस स्थिति को लेकर शोध और अध्ययन किया, तो जाकर यह बात सामने आई कि यह थंडर स्टॉर्म अस्थमा यानी आंधी-तूफान-दमा के कारण हुआ है। थंडर स्टॉर्म अस्थमा मुख्यतः आंधी-तूफान की वजह से लोगों में होता है, यही कारण है कि इसका नाम भी थंडर स्टॉर्म है। हवा में मौजूद प्रदूषित कण, घास और अन्य हानिकारक तत्वों की वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। यह समस्या ज्यादातर पश्चिमी देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया आदि में देखी जाती है।
इसे भी पढ़ें: जोर-जोर से सांस लेने की आदत हो सकती है अस्थमा का संकेत, जानें इसके क्या है कारण और लक्षण
टॉप स्टोरीज़
किन लोगों को रहता है ज्यादा खतरा?- Thunderstorm Asthma Risks in Hindi
थंडर स्टॉर्म अस्थमा की समस्या ज्यादातर ऐसे लोगों में देखी जाती है, जो पहले से सांस से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक आंधी-तूफान और तेज हवा की वजह से वातावरण में ऐसे कण और प्रदूषित चीजें आ जाती हैं, जो सांस लेने में परेशानी का कारण बनती हैं। सांस के जरिए ये कण आपके फेफड़ों में पहुंचते हैं और फिर परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
अस्थमा से बचाव के टिप्स- Asthma Prevention Tips in Hindi
अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से मरीज को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नहीं अस्थमा की समस्या लंबे समय तक बनी रहने पर मरीज की जान भी जा सकती है। अस्थमा से बचने के लिए सबसे पहले आपको प्रदूषित और आंधी-तूफान वाली हवा में बाहर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करने से आप प्रदूषित कणों को सांस से जरिए भीतर लेने से बच सकते हैं। इसके अलावा अस्थमा के लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)