बारिशों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान लोगों को सर्दी, जुकाम, गला दर्द और सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है। इसके साथ ही, इंफेक्शन की वजह से लोगों को बुखार की समस्या होने लगती है। इंफेक्शन होने पर मांसपेशियों में तेज दर्द और बुखार हो सकता है। बुखार कई प्रकार के होते हैं। येलो बुखार एक विशेष तरह के मच्छर के काटने से होता है। इसका वायरस एडीज और हेमागोगस मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षण शरीर में 3 से 6 दिनों को अंदर दिखाई देना शुरू करते हैं। नई दिल्ली के दरियागंज स्थित डॉ. श्रॉफ अस्पताल के कंसल्टेंट डॉक्टर मनीषा अग्रवाल ने बताया कि येलो फीवर क्यों होता है। इसके शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
येलो फीवर के क्या कारण होते हैं? What Are Causes Of Yellow Fever In Hindi
येलो फीवर की समस्या अमेरिका और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होती है। इसके आम लक्षण में पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द व तेज सिरदर्द की समस्या हो सकती है। येलो फीवर, एडीज और हेमोगोगस प्रजातियों से संबंधित मच्छरों द्वारा फैलता है।
येलो फीवर में क्या लक्षण महसूस होते हैं? Symptoms Of Yellow Fever in Hindi
येलो फीवर के लक्षण सप्ताह भर के अंदर दिखाई दे सकते हैं। इस समय व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आगे जानते हैं येलो फीवर के लक्षण।
- मांसपेशियों और पीठ में दर्द,
- बीमार महसूस होना या उल्टी आना,
- थकान महसूस होना,
- शरीर में दर्द होना,
- जी मिचलाना,
- त्वचा व आंखों का पीला होना,
- तेज सिरदर्द, आदि।
येलो फीवर का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Yellow Fever in Hindi
- येलो फीवर का कोई इलाज उपलब्द नहीं हैं। लेकिन, गंभीर मामलों डॉक्टर मरीज को पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं।
- इस फीवर में मरीज को वैक्सीन दी जा सकती है।
- इसका इलाज करते समय डॉक्टर मरीज नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दे सकते हैं।
- इस फीवर में डॉक्टर मरीज को आराम करने की सलाह देते हैं।
- साथ ही, मरीज को अस्पताल में कुछ समय के लिए एडमिट किया जा सकता है।
येलो फीवर को दूर करने के घरेलू उपचार
- इस बुखार में व्यक्ति में ज्यादा रेस्ट करने के लिए कहा जाता है।
- बुखार होने पर ठंडे पानी से स्नान न करें। इस दौरान स्पंज बाथ ली जा सकती है।
- इस समस्या में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। क्योंकि येलो फीवर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
- इसके अलावा, मरीज को दलिया व आसानी से पचने वाले आहार खाने की सलाह दी जाती है।
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अन्य बुखार की तरह ही येलो फीवर में आपको थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाओं को समय-समय पर लेते रहे। इसके साथ ही बुखार तेज होने पर आप भीगे हुए कपड़े को माथे पर रख सकते हैं।