अलग-अलग उम्र में महिलाओं के शरीर में अलग-अलग तरह के बदलाव होते हैं। जैसे किशोरावस्था में महिलाओं के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। यह महिलाओं को शारीरिक रूप से गर्भधारण के लिए तैयार होने का संकेत करता है। इस दौरान महिलाओं को हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है। जो उनके भावनात्मक उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं। वैसे ही, अधिक आयु होने पर महिलाओं को मेनोपॉज होता है। इसे रजोनिवृत्ति भी कहते हैं। इसमें महिलाओं के पीरियड्स होना बंद हो जाते हैं। ऐसे में महिलाओं को ज्यादा क्रोध आता है। आगे साईं पॉलीक्लीनिक की महिला स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं मेनोपॉज में महिलाओं को गुस्सा आने के कारण और इससे बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।
मेनोपॉज में गुस्सा आने का कारण - Causes Of Anger In Menopause In Hindi
हार्मोनल उतार-चढ़ाव
मेनोपॉज के दौरान गुस्से का एक मुख्य कारण हार्मोनल उतार-चढ़ाव हो सकता है। जैसे ही महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर घटता है, इससे मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन हो सकता है। ये हार्मोन-संबंधी परिवर्तन ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है।
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नींद संबंधी परेशानियां
मेनोपॉज महिलाएं अक्सर रात में पसीना आने जैसी नींद की गड़बड़ी से जूझती हैं। इसकी वजह उनके नींद का पैटर्न बाधित हो सकता है। लगातार नींद की कमी चिड़चिड़ापन और गुस्से का कारण बन सकती है।
शारीरिक लक्षण
रजोनिवृत्ति कई शारीरिक लक्षणों के साथ होती है, जिनमें वजन बढ़ना, सूजन और त्वचा और बालों में बदलाव शामिल हैं। ये शारीरिक परिवर्तन भावनात्मक उतार चढ़ाव को बढ़ा सकता है, जिससे महिलाओं को गुस्सा बढ़ सकता है।
भावनात्मक सपोर्ट
रजोनिवृत्ति प्रजनन क्षमता के अंत का प्रतीक है, जो उदासी की भावना सहित अन्य जटिल भावनाओं को जन्म दे सकती है। यदि इन भावनाओं पर ध्यान न दिया जाए तो ये आसानी से गुस्से में बदल सकती हैं।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी)
मेनोपॉज के लक्षणों के उपचारों में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) का सहारा लिया जा सकता है। लेकिन इसके साइड इफेक्ट के तौर पर कुछ महिलाओं का गुस्सा बढ़ सकता है। कई बार महिलाओं को निराश हो सकती है।
रिश्ते और सामाजिक परिवर्तन
मेनोपॉज अक्सर महत्वपूर्ण जीवन परिवर्तनों के साथ मेल खाती है, जैसे कि बच्चों का घर छोड़ना, करियर में बदलाव और बढ़ती दोस्ती। इन बदलावों से तनाव और भावनात्मक उथल-पुथल हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप गुस्सा आ सकता है।
मेनोपॉज में गुस्सा को कम करने के उपाय - How To Manage Menopause Anger in Hindi
- मेडिटेशन का अभ्यास करें: मेडिटेशन तकनीक आपको जमीन से जुड़े रहने और भावनात्मक रूप से संतुलित रहने में मदद कर सकती है। ये अभ्यास आपके क्रोध को कम करने के लिए मजबूत करता है।
- नींद पर्याप्त मात्रा में लें: सोते समय एक ऐसी दिनचर्या विकसित करें जो आरामदायक नींद को बढ़ावा दे। सोने वाला को ठंडा रखें । साथ ही, सोते समय हल्के और आरामदायक कपड़े पहने।
- एक्सरसाइज करें: स्वस्थ वजन बनाए रखने और शरीर के आत्मविश्वास में सुधार के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल रहें। एक्सरसाइज से आपका मूड बेहतर होता है। साथ ही गुस्सा कम होता है।
- दोस्तों और करीबियों के साथ बात करें: अगर आपको किसी बात को लेकर गुस्सा आ रहा है तो ऐसे में आप बातों को अपने दोस्तों या करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं।
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मेनोपॉज का समय हर महिला के जीवन में आता है। इसे सही तरह हैंडल किया जाना चाहिए। यदि आपको ज्यादा परेशानी हो रही है तो ऐसे में आप डॉक्टर या काउंसलर की भी मदद ले सकती हैं।