
बच्चों की हार्ट बीट उनकी उम्र के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर बड़े बच्चों की तुलना में छोटे बच्चों की हार्ट बीट ज्यादा तेज चलती है। हमारा हार्ट रिद्म यानी ताल में धड़कता है। यही कारण है कि जब हार्ट की गति सामान्य से धीरे या तेज होती है, तो इसे हिंदी में हृदय अतालता यानी एरिथमिया कहा जाता है। असामान्य हार्ट बीट बहुत तेज या बहुत धीमी हो सकती है। हालांकि बच्चों में हृदय अतालता असामान्य नहीं है। कुछ बच्चों में ये चिकित्सा स्थितियों के कारण हो सकती है। इसके कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इनके बारे में।
क्या होती है बच्चों में नॉर्मल हार्ट बीट?
मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन एंड नियोनैटालॉजिस्ट डॉक्टर अमित गुप्ता के मुताबिक एक बच्चे की हार्ट बीट एक वयस्क की तुलना में भिन्न होती है। आमतौर पर आराम करने पर बच्चों की औसत हार्ट बीट लगभग 60 बीट प्रति मिनट होती है, जबकि जब वे सक्रिय होते हैं तो ये 220 बीट तक जा सकती है। बच्चों की तुलना में शिशुओं की हार्ट बीट अधिक होती है। किसी भी बच्चे की हार्ट बीट उसके आयु वर्ग पर निर्भर करती है। 3-4 वर्ष तक के बच्चों की हार्ट बीट 80 से 120-125 हो सकती है। वहीं 5-6 वर्ष के बच्चों की हार्ट बीट 75-76 से 115-120 के लगभग हो सकती है। इसके अलावा 7 से 9 या इससे अधिक उम्र के बच्चों की हार्ट बीट 70-110 हो सकती है।
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बच्चों में अनियमित हार्ट बीट के कारण
जन्मजात हो सकता है
अनियमित हार्ट बीट या असामान्य हार्ट बीट का कारण जन्मजात भी हो सकता है। जन्म से ही जिन बच्चों का वजन कम होता है या डिलीवरी समय से पहले होती है, उन्हें भी असामान्य हार्ट बीट की समस्या हो सकती है।
दवाइयों का सेवन
बच्चों को दी जाने वाली दवाइयां भी हार्ट बीट को अनियमित कर सकती हैं। कुछ विशेष दवाइयां ऐसी होती हैं, जो शरीर में ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट को बढ़ा सकती हैं। इसलिए चिकित्सक से बिना पूछे कभी भी बच्चों को दवाइयां न दें।
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हार्ट की समस्या
हार्ट से संबंधित समस्या भी इस समस्या के जोखिम को बढ़ा सकती है। दिल में छेद या कमजोर हार्ट हृदयगति की लय बिगाड़ सकता है।
टीनेर्जस के मामले में, लाइफस्टाइल की आदतें जैसे शराब का सेवन, धूम्रपान और नशीली दवाओं का उपयोग भी हार्ट बीट के असामान्य होने का कारण बन सकता है। मोटापा, डायबिटीज, सेप्सिस, स्लीप एपनिया आदि जैसी चिकित्सक स्थितियां भी असामान्य हार्ट बीट के जोखिम को बढ़ा सकती है।
इसके अलावा अन्य चीजें जैसे हार्ट की सर्जरी, दवाएं या शरीर में पोटैशियम जैसे कैमिकल्स के असंतुलन से भी बच्चों में अनियमित हार्ट बीट को सकती है।