कई बार युवा अवस्था में ही कुछ युवाओं को अपनी आंखों के नीचे या फिर चेहरे पर कहीं न कहीं फाइन लाइंस और झुर्रियां (Wrinkles) देखने को मिल जाती हैं। जिससे वह बहुत अधिक चिंतित हो जाते हैं। कम उम्र में एजिंग के लक्षण दिखना अपने आप में ही एक चिंता की बात है। यह एक ऐसी उम्र होती है जिसमें एक किशोरों (Teenagers) के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। साथ ही पढ़ने वाले बच्चों के साथ मिल कर चलने का प्रेशर और अपने मन को शांत करने वाला प्रेशर आदि बहुत सी ऐसी चिंताएं हैं जो घेरे रखती हैं। वैसे तो युवावस्था में झुर्रियां आने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन फिर भी यदि ऐसा हो रहा है तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर भावुक मित्तल के अनुसार इस उम्र में झुर्रियों का कारण आपका लाइफ स्टाइल और आप का वातावरण हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में एक्सट्रिनसिक एजिंग कहा जाता है। कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
कम उम्र में हो सकती है झुर्रियां होने का कारण और बचाव के उपाय
1. सूर्य की रोशनी में बहुत अधिक समय तक रहना (Exposure To Sun)
बहुत से टीनेजर इस उम्र में सनस्क्रीन प्रयोग करने के महत्त्व को समझ नहीं पाते और स्कूल हो या घर बहुत अधिक सूर्य की रोशनी से प्रभावित हो जाते हैं। सूर्य की यूवी किरणें उनकी स्किन को बहुत हानि पहुंचा जाती हैं। इसी की वजह से उन्हें कम उम्र में ही झुर्रियों का सामना करना पड़ता है।
उपाय- इसलिए अगर आपने अभी तक सनस्क्रीन का प्रयोग करना शुरू नहीं किया है तो अभी से कर दें।
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2. अधिक स्ट्रेस लेना (Peer Pressure Stress)
स्कूल की वजह से या किसी प्रेशर के कारण युवावस्था में बच्चे बहुत अधिक स्ट्रेस लेने लग जाते है। अगर आप अधिक स्ट्रेस लेंगे तो कॉर्टिसोल नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ती जायेगी। इससे आपके चेहरे पर उम्र से पहले ही एजिंग के लक्षण दिखने को मिल जायेंगे।
उपाय- खुद को खुश रखने की ही अधिक से अधिक कोशिश करें।
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3. अधिक चीनी खाना (Eating Too Much Sugar)
स्टडीज के मुताबिक जो लोग अधिक मात्रा में शुगर का सेवन करते हैं उन्हें एजिंग के लक्षण भी कम उम्र में ही देखने को मिलने लगते हैं। शुगर के कारण हमारा शरीर ग्लाइकेशन जैसी प्रक्रिया से हो कर गुजरता है। जिससे प्रोटीन का काम प्रभावित हो जाता है और इससे स्किन की लाेच कम होने लगती है। जिस कारण फाइन लाइंस और झुर्रियां आम हो जाती हैं।
उपाय-कम शक्कर युक्त हेल्दी बैलेंस डाइट खाएं। ऐसी डाइट लें जिसमें विटामिन ए,सी, ई भरपूर मात्रा में हों।
4. धूम्रपान करना (Smoking n Drinking)
धूम्रपान करने से भी आपको एजिंग के लक्षण दिखने को मिल सकते हैं। क्योंकि इस उम्र में नए नए शौंक चढ़ते हैं। हर बच्चे को धूम्रपान और शराब का सेवन करने का मन करता है।
उपाय- तंबाखू में भी ऐसे तत्त्व होते हैं जो कोलेजन को नष्ट कर सकते हैं। निकोटिन भी सिगरेट आदि में पाया जाने वाला एक मुख्य तत्त्व है जो झुर्रियां आदि लाता है। इनके सेवन से बचें।
5. बहुत कम सोना (Lack Of Sleep)
इस उम्र में फोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का भी नया नया चस्का लगता है। पढ़ाई और बाकी सब काम के खत्म होते होते रात में काफी समय हो जाता है जिस कारण बहुत से बच्चे तो पर्याप्त नींद ही नहीं ले पाते हैं। इससे आपकी स्किन के कोलेजन मॉलिक्यूल टूटने लगते हैं। जो शरीर को जवान रखने के काम आते हैं। इसलिए आपको कम उम्र में ही झुर्रियां पड़ जाती हैं।
उपाय- 6 से 8 घंटे की नींद लेने की जरूर कोशिश करें। एक हेल्दी नींद आपको बहुत सी शारीरिक परेशानियों से बचा सकती है।
6. प्रदूषण में जाना (Pollutants & Oxidative Stress)
हवा में मौजूद पाल्यूटेंट्स आपकी स्किन की इलास्टिसिटी और कोलेजन को नष्ट करती है। इससे भी रिंकल्स जैसी समस्या आम हो जाती हैं। प्रदूषण के कारण आपकी स्किन को और भी बहुत नुकसान पहुंच सकता है।
उपाय- फेस प्रोटेक्शन पहने और पाल्यूशन से बचाएं अपनी स्किन को।
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कम उम्र में एजिंग के लिए मेडिकल उपचार (Medical treatments For Premature Aging)
लेजर रिसर्फेसिंग (Laser Resurfacing)
इसमें त्वचा से अवांछित झुर्रियों को लेजर बीम द्वारा हटाया जाता है।
डर्माब्रेशन (Dermabrasion)
इसमें त्वचा की रूखी परत को हटाया जाता है ताकि एक साथ और चिकनी त्वचा मिले।
केमिकल पील (Chemical Peel)
केमिकल पीलिंग में केमिकल्स के द्वारा रिंकल या सूखी त्वचा को हटाकर चिकनी त्वचा निकाली जाती है।
फोटोडायनेमिक थेरेपी (Photodynamic Therapy)
यह फोटो केमिकल प्रक्रिया है जिसमें लाइट के द्वारा रूखी सूखी त्वचा हटाई जाती है।
माइक्रोनीडलिंग (Micro Needling)
इस प्रक्रिया में पेन की शेप की सुई से खराब और झुर्रियोंदार स्किन को निकाला जाता है।
कम पानी का सेवन करना और जंक फूड खाना भी प्री मैच्योर एजिंग का एक कारण होता है। इसलिए आपको इन सब बातों से बचना चाहिए।
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