
पर्याप्त पोषण न लेने की वजह से आपको सेहत और आंखों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके आलवा, देर रात तक जागना, नींद की कमी और कई अन्य कारणों की वजह से लोगों के विजन से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, मोतियाबिंद भी धुंधला दिखाई देने की वजह हो सकती है। आज के समय में उम्र बढ़ने के साथ आंखों से जुड़ी समस्या होना एक आम बात है, इसमें मोतियाबिंद (cataract) एक बड़ी वजह मानी जाती है। इस समस्या को सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। लेकिन बहुत से लोग केटरैक्ट सर्जरी के बाद कुछ महीनों या सालों में फिर से धुंधली दृष्टि की शिकायत करते हैं। ऐसे में लोगों को लगता है कि मोतियाबिंद दोबारा से लौट आया है। जबकि, वास्तव में यह सेकेंडरी कैटरैक्ट (Secondary Cataract) होता है, जो कि एक अलग स्थिति है। इस लेख में जगत फार्मा के आई केयर सेंटर के स्पेशलिस्ट डॉक्टर मंदीप बासु से जानते हैं कि सेकेंडरी कैटरेक्ट क्या होता है और इसके कारण और लक्षण क्या होते है?
सेकेंडरी कैटरैक्ट क्या है? - What Is Secondary Cataract In Hindi
सेकेंडरी कैटरेक्ट को मेडिकल भाषा में Posterior Capsular Opacification (PCO) कहा जाता है। यह दूसरी बार हुआ मोतियाबिंद नहीं है, बल्कि मोतियाबिंद सर्जरी के बाद होने वाली एक सामान्य जटिलता (complication) है। जब मोतियाबिंद की सर्जरी की जाती है, तो आंख के प्राकृतिक लेंस को हटाकर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस (IOL – Intraocular Lens) लगाया जाता है। यह कृत्रिम लेंस एक पतली झिल्ली या कैप्सूल में रखा जाता है। समय के साथ, यह कैप्सूल पीछे की ओर से मोटा और अपारदर्शी हो सकता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है। यही स्थिति सेकेंडरी कैटरैक्ट कहलाती है।
सेकेंडरी कैटरेक्ट के लक्षण - Symptoms Of Secondary Cataract In Hindi
सेकेंडरी कैटरेक्ट के लक्षण कुछ-कुछ असली मोतियाबिंद जैसे ही हो सकते हैं। इसके लक्षणों को आगे बताया गया है।
- धुंधला दिखाई देना। इसमें व्यक्ति धुआं और कोहरे की तरह दिखाई देता है।
- रंग हल्के दिखाई देते हैं।
- रात में देखने में कठिनाई होती है।
- पढ़ने या पास की चीजें देखने में परेशानी होना।
- आंखों पर जोर देने पर सिरदर्द।
ये लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई बार मरीज यह समझ ही नहीं पाता कि यह नई समस्या है या पुरानी सर्जरी के कारण उत्पन्न समस्या है।
सेकेंडरी कैटरैक्ट के क्या कारण होते हैं? - Causes Of Secondary Cataract In Hindi
पोश्चरियर कैप्सूल ऑपैसिफिकैशन (Posterior Capsular Opacification - PCO) के क्या कारण होते हैं। इन कारणों को आगे बताया गया है।
- मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान पीछे की कैप्सूल को हटाया नहीं जाता, ताकि IOL को स्थिर रखा जा सके।
- लेकिन कुछ एपिथीलियल कोशिकाएं (epithelial cells) इसी झिल्ली पर जमा हो जाती हैं और बढ़ती जाती हैं, जिससे वह झिल्ली मोटी और अपारदर्शी बन जाती है।
- इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी सर्जरी असफल रही है या फिर मोतियाबिंद लौट आया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो लगभग 20% से 30% मरीजों में सर्जरी के 6 महीने से 5 साल के भीतर हो सकती है।
सेकेंडरी कैटरेक्ट का इलाज क्या है? - Treatment Of Secondary Cataract In Hindi
सेकेंडरी कैटरेक्ट के इलाज सरल और दर्द रहित प्रक्रिया से किया जाता है। इसका इलाज लेजर प्रक्रिया से किया जा सकता है। मरीज की आंखों में दवा की ड्रॉप डालकर सुन्न किया जाता है। इसके बाद लेजर की मदद से धुंधली झिल्ली में एक छोटा सा छेद बनाकर प्रकाश को रेटिना तक पहुंचाने में मदद मिलती है। इस समस्या के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही, मरीज को अस्पताल में एडमिट होने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
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सेकेंडरी कैटरेक्ट एक आम स्थिति है जो मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कुछ लोगों में विकसित हो सकती है। यह दोबारा मोतियाबिंद की स्थिति नहीं है, बल्कि एक झिल्ली के मोटे होने के कारण दृष्टि में धुंधलापन हो जाता है। इसका इलाज YAG लेजर से सरलता से किया जा सकता है। अगर आपको मोतियाबिंद सर्जरी के कुछ समय बाद दृष्टि में धुंधलापन लग रहा है, तो घबराएं नहीं यह सेकेंडरी कैटरेक्ट ही सकता है ऐसे में आप आई स्पेशलिस्ट से मिलकर आंखों की जांच कराएं।
FAQ
मोतियाबिंद होने के क्या कारण होते हैं?
मोतियाबिंद आंख के लेंस में धुंधलापन या बादल छाए रहने की एक स्थिति है जो उम्र बढ़ने, चोट, या कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है।मोतियाबिंद का पहला संकेत क्या है?
मोतियाबिंद का पहला संकेत आम तौर पर धुंधला दिखना होता है। यह ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आप धुंधली खिड़की से देख रहे हैं।मोतियाबिंद किस उम्र में विकसित होता है?
मोतियाबिंद आमतौर पर 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में विकसित होना शुरू होती है, लेकिन आमतौर पर 60 वर्ष की आयु के बाद ही दृष्टि में कमी आना शुरू होती है।
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