अमेरिका में फैल रही है फंगल इंफेक्शन कैंडिडा ऑरिस बीमारी, जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

अमेरिका में कैंडिडा ऑरिस नामक बीमारी फैलने का दावा किया जा रहा है। यह इंफेक्शन अन्य वायरस की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। चलिए जानते हैं।
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अमेरिका में फैल रही है फंगल इंफेक्शन कैंडिडा ऑरिस बीमारी, जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

कोरोना वायरस के मामले अभी तक पूरी तरह से थमे नहीं हैं कि ऐसे में दुनियाभर में अलग-अलग बीमारियों के मामले देखने को मिल रहे हैं। कुछ समय पहले चीन में बैक्टीरियल निमोनिया के मामले देखे गए थे। इसके बाद अब अमेरिका में फंगल इंफेक्शन के मामलों की पुष्टि की जा रही है। दरअसल, अमेरिका में कैंडिडा ऑरिस (Candida Auris Fungal Disease) बीमारी फैलने का दावा किया जा रहा है। चलिए जानते हैं इसके बारे में। 

तेजी से फैल रहा कैंडिडा इंफेक्शन 

अमेरिका में यह बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। यह एक दुर्लभ तरह का इंफेक्शन है, जिसकी मृत्यु दर भी अन्य वायरस के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है। इस वायरस या बीमारी होने पर दी जाने वाली दवाओं का भी असर काफी धीरे होता है। वॉशिंगटन में अभी तक इस बीमारी के 4 मामले सामने आए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक यह इंफेक्शन होने पर मरीज में आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिडा इंफेक्शन का पहला मामला अमेरिका में 10 जनवरी को सामने आया था, जिसके बाद बाद सिएटल और किंग काउंड में तीन अन्य मामलों की भी पुष्टि हुई। 

क्या है कैंडिडा वायरस? 

दरअसल, कैंडिडा एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जिसे दूसरी भाषा में केंडिडिएसिस के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर यह फंगस त्वचा में प्रवेश करते हैं और मुंह के रास्ते होते हुए गले, आंत, पेट यहां तक कि व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट तक पहुंचकर भी उसे प्रभावित कर देते हैं। यही नहीं, यह इंफेक्शन धीरे-धीरे आपके खून में भी पहुंच जाते हैं, जिससे हार्ट, किडनी और शरीर के अन्य हिस्सों को भी  नुकान पहुंचाने लगते हैं। 

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कैंडिडा इंफेक्शन के लक्षण 

  • आमतौर पर कैंडिडा इंफेक्शन के लक्षण कम देखने को मिलते हैं, लेकिन ऐसे में शरीर में कुछ बदलाव नजर आ सकते हैं। 
  • इस दौरान त्वचा पर ज्यादा असर पड़ता है। ऐसे में त्वचा पर छोटे-छोटे पैचेज या फिर रैशेज हो सकते हैं। 
  • इस स्थिति में आपको बर्निंग सेंसेशन या फिर खुजली महसूस हो सकती है। 
  • ऐसे में कई बार वेजाइनल डिस्चार्ज या फिर मुंह में फफोले पड़ने जैसी स्थिति भी बन सकती है।

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