
World Pneumonia Day 2023: निमोनिया एक गंभीर बीमारी है। इसके होने पर मरीज की सांस लेने की तकलीफ बढ़ जाती है, क्योंकि छाती में एक किस्म का द्रव भर जाता है। इस वजह से मरीज के लिए सहजता से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। निमोनिया होने पर बुखार भी बहुत तेज होता है। मरीज की रिकवरी के लिए अक्सर कुछ विशेष किस्म के घरेलू उपायों को आजमाया जाता है। इनमें मरीज को गर्म और ताजा आहार देना और बेड रेस्ट करना भी शामिल है। इसके साथ ही, यह भी कहा जाता है कि निमोनिया के मरीज को नहाना नहीं चाहिए। नहाने से उनकी तबियत बिगड़ सकती है। अब यह सवाल उठता है कि क्या वाकई निमोनिया के मरीजों को नहीं नहाना चाहिए? आइए जानते हैं कि क्या यह वास्तव में सच है।
निमोनिया क्या है (What Is Pneumonia)
शारदा अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एवं प्रमुख डॉ देवेंद्र कुमार सिंह, "निमोनिया सांस से संबंधित एक खतरनाक बीमारी है। निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस और फंगाई के कारण होने वाला इंफेक्शन है। निमोनिया होने पर मरीज के लंग टिश्यूज में सूजन आ जाती है और फेफेड़े में फ्लूइड यानी एक प्रकार का तरल पदार्थ बनने लगता है। विशेषज्ञों का दावा है कि बैक्टीरियल निमोनिया आमतौर पर वायरल निमोनिया की तुलना में अधिक गंभीर होता है। निमोनिया होने पर मरीज के एक या दोनों लंग्स प्रभावित हो सकते हैं। इसे बाइलेट्रल या डबल निमोनिया के नाम से भी जाना जाता है।"
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क्या निमोनिया में नहाया जा सकता है (Can You Take Bath In Pneumonia)
डॉ देवेंद्र कुमार सिंह की मानें, "कुछ लोगों का यह दावा है कि निमोनिया होने पर नहीं नहाना चाहिए, वहीं कुछ लोग निमोनिया में भी नहाने की सलाह देते हैं। सच्चाई ये है कि निमोनिया होने पर मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। जबकि अगर व्यक्ति निमोनिया के दौरान गुनगुने पानी से नहाता है, तो इससे उसकी लंग्स रिलैक्स होते हैं और सांस लेने की तकलीफ में कमी आती है। यही नहीं, अगर मरीज निमोनिया में नाहता है, तो इससे उसकी स्किन क्लीन होती है, इन्फेक्शन का खतरा कम होता और मरीज के स्वास्थ्यए के लिए भी सही माना जाता है।" कुछ सोर्स यह भी मानते हैं, जब व्यक्ति बाथिंग टब में छाती तक खुद को डुबोए रखता है, तो इसका ऑक्सीजन इनटेक पर प्रभाव पड़ता है। जब आप गुनगुने या हल्के गर्म पानी के संपर्क में आते हैं, तो इससे दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर होता है। इससे साइनस और अन्य छाती से संबंधित बीमरियों से राहत मिलने में मदद मिलती है।
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निमोनिया का ट्रीटमेंट (Treatment of Pneumonia)
आमतौर पर, निमोनिया के प्रकार और उसकी वजह जानने के बाद ही उसका ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके अलावा, मरीज की उम्र, उसके स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। हालांकि, निमोनिया से रिकवरी के लिए हर मरीज को निम्न सुझावों को अपनाना चाहिए-
- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवा आवश्यक तौर पर लें।
- ध्यान रखें, निमोनिया होने पर कभी भी खुद से कोई दवा न दें।
- गर्म सूप, गर्म पानी पिएं। इसके अलावा, स्टीम लेना भी आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- अगर समय बीतने के साथ स्थिति में सुधार न हो, खांसने में तकलीफ हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं।
- निमोनिया होने पर स्मोकिंग और ड्रिंकिंग न करें।
- निमोनिया होने के दौरान कंप्लीट रेस्ट करें। बिस्तर से न उठें।
- अपने कामकाज के लिए किसी अन्य की मदद लें।
- इन दिनों किसी भी तरह की एक्टिविटी करने से बचें।
image credit: freepik
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