अगर आप सोच रहे हैं कि माइग्रेन और हार्ट डिसीज में क्या संबंध है तो आपको बता दें कि ब्लड वैसल्स सें माइग्रेन के कारण होने वाली सूजन के कारण हार्ट डिसीज का रिस्क बढ़ जाता है। अगर आपको पहले से इसके बारे में पता चल जाए तो आप जरूरी कदम उठाकर हार्ट की समस्याओं से बच सकते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो माइग्रेन के मरीजों को हार्ट अटैक आने का रिस्क सामान्य व्यक्ति से 50 प्रतिशत ज्यादा होता है। जिन लोगों को हर हफ्ते माइग्रेन का दर्द होता है उनमें ये रिस्क और भी ज्यादा है। इस समस्या के इलाज के लिए आपको कुछ जरूरी टिप्स अपनाने चाहिए। आप भी माइग्रेन के मरीज हैं तो हार्ट का ख्याल रखने के लिए ये लेख अंत तक पढ़ें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
image source:hearthealthorg
माइग्रेन के मरीजों को क्यों होता है हार्ट की बीमारी का खतरा? (Why migraine patients have more risk of heart diseases)
जिन्हें माइग्रेन होता है और दिल की बीमारियों का खतरा रहता है उन्हें हार्ट फेलियर का रिस्क भी ज्यादा होता है, अगर आपकी छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, बेहोशी जैसे लक्षण नजर आए तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। माइग्रेन के दौरान, दिमाग के छोटे हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन कुछ समय के लिए कम हो जाता है जिससे ब्लड वैसल्स में सूजन आ जाती है। इससे हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें- मेटाबॉलिक सिंड्रोम बढ़ा सकता है दिल की बीमारी का खतरा, जानें इसके शुरुआती संकेत और बचाव के 6 उपाय
टॉप स्टोरीज़
माइग्रेन मरीजों को स्ट्रोक का खतरा (Stroke and migraine)
अगर आपको माइग्रेन हे तो आपको स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है। ज्यादातर ये परेशानी 40 पार की उम्र में लोगों को होती है। दिमाग में ब्लड वैसल्स की गति कुछ समय के लिए माइग्रेन के कारण कम होती है जिससे स्ट्रोक का खतरा भी होता है अगर आप स्ट्रोक के खतरे से बचना चाहते हैं तो बीपी को कंट्रोल में रखें। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि धूम्रपान का सेवन बिल्कुल न करें, कोलेस्ट्रॉल और वेट को कंट्रोल करके रखें तो आप स्ट्रोक से बच सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- 30-40 की उम्र में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर से जानें क्या गलतियां हो सकती हैं जिम्मेदार
माइग्रेन के मरीज हैं तो दिल का ख्याल जरूर रखें (How to look after heart health with migraine)
image source:google
अगर आपको माइग्रेन है तो दिल का ख्याल रखना जरूरी है क्योंकि ये हार्ट डिसीज की संभावना को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनका बीपी लो होने की संभावना ज्यादा होती है जिससे हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ता है। वहीं हार्ट अटैक या स्ट्रोक से दिमाग की ब्लड वैसल्स में रुकावट होती है जिसके चलते हम कह सकते हैं कि माइग्रेन, शरीर में हार्ट डिसीज का कारण हो सकता है। माइग्रेन और दिल की बीमारी दोनों होने पर भविष्य में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस होने का खतरा ज्यादा हो सकता है इसलिए इन उपायों को आजमाएं-
- खाने में नमक का सेवन कम से कम करें, आज कल लोग खाने में प्रोसेस्ड फूड्स का इस्तेमाल करने लगे हैं पर इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है।
- रोजाना आप 40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें, एक्सरसाइज हार्ट हेल्थ और माइग्रेन के लक्षण को कम करने के लिए जरूरी है।
- वजन को कंट्रोल करें, अपनी डायटीशियन से संपर्क करके डाइट चार्ट बनाएं और उसी के मुताबिक खाएं।
- फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, इससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होगी और माइग्रेन के दर्द से भी आराम मिलेगा।
अगर आप गर्भवती हैं और आपको पहले से माइग्रेन और हार्ट डिसीज है तो आपको अपनी डाइट पर खास गौर करना करना चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, ऐसे मरीजों को डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहना चाहिए।
main image source:hearthealthorg