कैंसर का सही समय और सही तरीके से इलाज न किया जाए, तो ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में इस कैंसर का पता लगाने से लेकर इसके इलाज तक, व्यक्ति को कई तरह के महंगे टेस्ट और दवाइयों का सामना करना पड़ता है। आपने कई कैंसर पेशेंट्स को सही होते हुए देखा होगा। साथ ही, आपने कई कैंसर के मरीजों को सही समय और सही तरह से इलाज न मिलने के कारण जान गंवाते हुए भी देखा होगा। कैंसर से लड़ाई आसान नहीं होती है। इस जंग में व्यक्ति मेंटल और फिजिकल दोनों तरह से लड़ रहा होता है। कैंसर से लड़ाई में हार मानने का अंजाम मृत्यु भी हो सकती है। हम सभी इस बात को जानते हैं कि कैंसर से बचने के लिए कई तरह की दर्दनाक थेरेपी और सर्जरी की जाती है। मगर आजकल के समय में साइंस एडवांस होती जा रही है। कई लोगों का ये भी मानना है कि एक समय ऐसा आएगा, जब हर फील्ड में इंसानों की जगह रोबोट और एआई ले लेंगे। ऐसे में मेडिकल लाइन में लगातार हो रही रिसर्च और रोजाना अपडेट हो रही मशीनों को देखते हुए कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या बिना किसी सर्जरी के कैंसर का इलाज किया जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब यशोदा कैंसर हॉस्पिटल एंड फाउंडर हेल्दी वेव क्लीनिक इंदिरापुरम की सीनियर कंसल्टेंट एमबीबीएस, एमडी डॉ. रेखा आर्या से जानते हैं।
मेडिकल फील्ड में बढ़ रहा मशीनों और रोबोट्स का योगदान
अभी तक हम सभी की रोजमर्रा की जिंदगी में मशीनों और रोबोट्स का बढ़ता योगदान देखा गया है। ठीक इसी तरह चिकित्सा की दुनिया में भी साइंस पीछे नहीं रह गया है। ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनका उपचार रोबोट्स की मदद से आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, रोबोट्स की दुनिया में आजकल आपने नए माइक्रो रोबोट्स के बारे में सुना होगा। अगर नहीं सुना है, तो कोई बात नहीं। आज के इस आर्टिकल में हम आसान भाषा में जान लेते हैं कि माइक्रो रोबोट्स आखिर है क्या चीज।
माइक्रो रोबोट्स क्या है?
माइक्रो रोबोट्स को कई लोग माइक्रोबोट्स भी कहते हैं। ये माइक्रोबोट्स बाल की चौड़ाई के 100वें हिस्से के बराबर होते हैं। इनके साइज को आप नैनोमीटर कह सकते हैं। एक नैनोमीटर 1 मीटर का एक अरब हिस्सा होता है। ये माइक्रोबोट्स इतने छोटे होते हैं कि इंसान के शरीर को बिना काटे ही अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इन्हें शरीर के अंदर 2 तरह से ऑपरेट किया जाता है। इसमें पहला तरीका ऑप्टिकल होता है और दूसरा तरीका मैग्नेटिक फील्ड होता है।
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माइक्रो रोबोट्स की मदद से ठीक हो सकता है कैंसर?
बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रो रोबोटिक एंड बायोइंजीनियरिंग की प्रोफेसर बर्ना ऊजकले एडेलमान और उनकी टीम माइक्रोबोट्स पर रिसर्च कर रही हैं। उनका कहना है कि ये माइक्रोबोट्स शरीर में किसी कैप्सूल की मदद से डाले जा सकते हैं।इसके बाद ये माइक्रोबोट्स वायरलेस तरीके से ऑपरेट होंगे और शरीर के सेल्स से जुड़ जाएंगे। वहीं, बात आती है कि इन माइक्रोबोट्स से कैंसर का इलाज हो सकता है या नहीं, तो इस बात का जवाब यह है कि माइक्रोबोट्स को बनाने का लक्ष्य कैंसर के इलाज को आसान और कम दर्दनाक बनाना है। इस तकनीक की मदद से आप कैंसर का ट्रीटमेंट यानी इलाज कर सकते हैं, लेकिन इससे पूरी तरह बचा जा सकता है। इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है।
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माइक्रोबोट्स कैंसर के इलाज को आसान बना सकते हैं, लेकिन आप इस ट्रीटमेंट के प्रोसेस को कैंसर का स्थाई और विश्वसनीय इलाज फिलहाल के लिए नहीं मान सकते हैं। हालांकि, इन माइक्रोबोट्स की मदद से कैंसर की जड़ों को समझना आसान हो जाएगा और बेहतर दवाइयों को बनाने में मदद मिल सकती है। बता दें कि म्यूनिख में वैज्ञानिक माइक्रोबोट्स पर काम कर रहे हैं। अगर ये रिसर्च पूरी होती है, तो कैंसर समेत कई अन्य बीमारियों का इलाज भी आसान हो सकता है।