Can Hormonal Imbalance Cause Diabetes In Hindi: हार्मोनल असंतुलन के कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसमें पीरियड्स अनियमित होना, इंफर्टिलिटी, एक्ने, थायराइड और मोटापा शामिल है। हार्मोन का बैलेंस होना बहुत जरूरी है। खासकर महिलाओं के लिए। लेकिन, मौजूदा जीवनशैली और बढ़ते काम के कारण यह देखने में आ रहा है कि ज्यादातर लोग हार्मोनल असंतुलन से ग्रस्त हैं। आपको बता दें कि हार्मोन न तो ओवर एक्टिव होने चाहिए और न ही अंडर एक्टिव। जब हमारे ग्लैंड्स सही तरह से काम नहीं करते हैं, तब हार्मोन ओवर एक्टिव या अंडर एक्टिव हो सकते हैं। यहां यह सवाल उठता है कि क्या हार्मोनल असंतुलन के कारण डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है? जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
क्या हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है- Can Hormonal Imbalance Cause Diabetes In Hindi
डायबिटीज एक गंभीर समस्या है। डायबिटीज होने पर कई तरह की अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इस पर NIH: National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases वेबसाइट में प्रकाशित लेख की मानें, "डायबिटीज होने पर थकान महसूस करना, नजर कमजोर होना, घाव का जल्दी न भरना, बार-बार पेशाब आना, बार-बार प्यास लगना, कभी-कभी हाथ-पांव सुन्न हो जाना और अचानक बिना कोशिश किए वजन घटना जेसी समस्याएं होने लगती हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर डायबिटीज क्यों होता है? डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप-2 डायबिटीज और टाइप-1 डायबिटीज। टाइप-2 डायबिटीज खराब जीवनशैली की वजह से होता है।" लेकिन, सवाल ये है कि क्या हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से डायबिटी का रिस्क बढ़ सकता है? इस पर कहा जा सकता है, हां! ऐसा हो सकता है। carenewengland की लेख की मानें, तो डायबिटीज तब होता है, जब पेंक्रियाज नॉर्मल रेगुलरेटरी हार्मोन रिलीज नहीं कर पाता है। इसके अलावा, जब शरीर हार्मोंस पर सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं पाता है, तब डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। दरअसल, इस कंडीशन में शरीर ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल नहीं कर पाता है, जिसके गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं।
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हार्मोन को बैलेंस कैसे करें- Tips To Balance Hormones In Hindi
हार्मोन को बैलेंस करने के लिए कई बातें महत्वपूर्ण हैं, जैसे-
- पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें। प्रोटीन, अमीनो एसिड प्रदान करते हैं। यह एक ऐसा तत्व है, जिसे शरीर खुद नहीं बना सकता है। यह तत्व पेप्टाइड हार्मोन का उत्पादन करने के लिए आवश्यक है। इस हार्मोन की मदद से मेटाबॉलिज्म सही रहता है, भूख और स्ट्रेस मैनज किया जा सकता है। इसके अलावा, शरीर भी सही तरह से काम करता है।
- हार्मोन को बैलेंस करने के लिए आवश्यक है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज का हमारे ओवर ऑल हेल्थ पर बहुत अच्छा असर पड़ता है।
- women4womenobgyn के अनुसार, अपने वजन को बैलेंस रखना भी हार्मोन को बैलेंस करने के लिए जरूरी है। आपको बता दें कि अगर महिलाएं अपने बढ़ते वजन का ध्यान नहीं रखती हैं, तो इससे उनमें ओवूलेशन की कमी हो सकती है, जिससे इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम देखी जा सकती है।
- हार्मोन को बैलेंस करने के लिए शुगर इनटेक कम होना चाहिए। आपको बता दें कि अगर आप ज्यादा मात्रा में शुगर का सेवन करते हैं, तो इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस को बढ़ावा मिलता है। अंततः हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
- हार्मोन को बैलेंस करने के लिए स्ट्रेस को मैनेज करना भी जरूरी है। स्ट्रेस अपने आप में कई तरह की समस्या का कारण बन सकता है। इससे मोटापा बढ़ता है और यह डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ा सकता है।
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