स्वस्थ रहने के लिए शरीर में हार्मोन्स का स्तर संतुलित रहना आवश्यक होता है। हार्मोन शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होते है। अगर, शरीर में हार्मोन्स का स्तर कम या अधिक हुआ तो इससे कई तरह की समस्याएं शुरु हो सकती हैं। इसी तरह महिलाओं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पाया जाता है। इसे एण्ड्रोजन हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। इस हार्मोन को पुरुष की प्रजनन क्षमता से जोड़कर देखा जाता है। जबकि, यह स्तर में अनियंत्रण होने से महिलाओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स बोन को बनाने और ग्रोथ में आवश्यक होता है। इस हार्मोन की कमी से महिलाएं डिप्रेशन महसूस कर सकती है। साथ ही, कुछ महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में अंकुरा अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ मधुलिका सिंह से जानते हैं कि क्या टेस्टोस्टेरोन लेवल लो होने पर महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं?
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका - Role Of Testosterone In Female In Hindi
एस्ट्रोजेन हार्मोन को महिलाओं का प्रमुख प्रजनन हार्मोन माना जाता है, परंतु टेस्टोस्टेरोन भी उनके अनेक शारीरिक कार्यों में मदद करता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लिबिडो को बनाए रखने, मांसपेशियों की स्ट्रेंथ, एनर्जी को बनाए रखने, हड्डियों को मजबूत बनाना और ओवरी की कार्यक्षमता के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की भी आवश्यकता होती है। ऐसे में जब महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो यह केवल यौन इच्छा को ही नहीं, बल्कि महिला की गर्भधारण की प्रक्रिया में भी कुछ जटिलताएं आ सकती हैं। लेकिन, यह हार्मोन सीधे रूप से गर्भधारण के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। आगे इसे विस्तार से समझते हैं।
क्या महिलाएं कम टेस्टोस्टेरोन के साथ गर्भवती हो सकती हैं? - Can Female Get Pregnant With Low Testosterone In Hindi
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर होने पर भी महिलाएं गर्भधारण कर सकती है। हालांकि इस स्थिति में गर्भधारण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। महिलाओं में कम टेस्टोस्टेरोन मेंस्ट्रुअल साइकिल और ओव्यूलेशन को बाधित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से मासिक धर्म में अनियमितता आ सकती है। जबकि कम टेस्टोस्टेरोन गर्भधारण को कठिन बना सकता है, इसका मतलब इंफर्टिलिटी नहीं होता है।
टेस्टोस्टेरोन की हल्की कमी में गर्भधारण संभव
यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर केवल हल्का कम है और बाकी प्रजनन हार्मोन (जैसे FSH, LH, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन) सामान्य हैं, तो महिला गर्भवती हो सकती है।
टेस्टोस्टेरोन की अत्यधिक कमी से प्रेग्नेंसी में जटिलता होना
यदि टेस्टोस्टेरोन की कमी बहुत अधिक है और तो इससे ओवुलेशन प्रभावित हो रहा है, ऐसे में गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में एग्स का निर्माण और मैच्योर होना हार्मोनल संतुलन पर निर्भर करता है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी से कैसे बचें - Prevention Tips Of Low Testosterone Level In Hindi
- महिलाओं को डाइट में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स (जैसे नट्स, ऐवोकाडो, जैतून का तेल) को शामिल करना चाहिए।
- इसके अलावा, योग, ध्यान और सांस से जुड़े योग करने से इसकी कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है।
- हार्मोन मे उतार चढ़ाव होने पर आप पर्याप्त नींद लेना शुरु करें।
- बहुत अधिक वर्कआउट टेस्टोस्टेरोन को घटा सकता है।
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महिलाओं में अत्यधिक वजन या मोटापा, तनाव और अवसाद, एड्रिनल ग्रंथि की कमजोरी, कुछ दवाइयों का प्रभाव और बहुत अधिक व्यायाम या डाइटिंग करना टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का कारण बन सकता है। लेकिन, टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इसके लिए अन्य प्रजनन हार्मोन और ओव्युलेशन का ठीक होना महत्वपूर्ण होता है। शरीर में किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
FAQ
Pregnancy के लिए कौन सा हार्मोन जिम्मेदार है?
गर्भावस्था के लिए ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) हार्मोन जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन केवल गर्भावस्था के दौरान बनता है और यह गर्भावस्था की पुष्टि के लिए उपयोग किया जाता है।महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन अधिक होने के क्या नुकसान हैं?
महिलाओं में अधिक टेस्टोस्टेरोन से चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल, मुंहासे, अनियमित मासिक धर्म चक्र, बालों का झड़ना, आवाज का भारी होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन कम होने से क्या होता है?
इस हार्मोन की कमी से महिलाओं को थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। साथ ही उनकी पीरियड साइकिल भी प्रभावित हो सकती है।