ज्यादातर महिलाएं मानती हैं गर्भपात से जुड़े इन 5 मिथकों को सही, जानें सच्चाई

गर्भपात कई बार स्वयं की गलती से होता है और कई बार प्राकृतिक कारणों से, मगर महिलाओं में इस बात को लेकर तमाम तरह के भ्रम हैं।
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ज्यादातर महिलाएं मानती हैं गर्भपात से जुड़े इन 5 मिथकों को सही, जानें सच्चाई


गर्भावस्था का समय हर स्त्री के जीवन में बेहद खास होता है। अपने होने वाले शिशु के लिए महिला तमाम सपने और उम्मीदें पालती है मगर कई बार गर्भपात के कारण उनके सपने टूट जाते हैं। हालांकि गर्भपात कई बार स्वयं की गलती से होता है और कई बार प्राकृतिक कारणों से, मगर महिलाओं में इस बात को लेकर तमाम तरह के भ्रम हैं। यहां यह ध्यान दें कि बिना किसी चिकित्सीय सलाह या जरूरत के गर्भपात करवाना न सिर्फ सेहत के लिए नुकसानदायक है बल्कि कानूनी रूप से अपराध भी है। आइए आपको बताते हैं गर्भपात के बारे में ऐसी ही कुछ बातें, जो पूरी तरह सही नहीं हैं और उनकी सच्चाई।

गर्भपात के बाद दोबारा गर्भधारण में मुश्किल

कुछ महिलाओं को ये भ्रम होता है कि एक बार गर्भपात हो जाने के बाद उन्हें दोबारा गर्भधारण करने में परेशानी होगी, जबकि ऐसा नहीं है। अगर गर्भपात पहली तिमाही में हुआ है, तो महिला की प्रजनन क्षमता पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।

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दवाओं की मदद से या घरेलू गर्भपात सुरक्षित होता है

कई बार महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए पिल्स का सहारा लेती हैं या घर पर ही किसी दाई की मदद से इसे अंजाम देती हैं और ये मानती हैं कि ये दोनों सुरक्षित तरीके हैं। मगर ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि दवाओं की मदद से गर्भपात करना कई बार जानलेवा हो सकता है। इसके साथ ही अप्रशिक्षित दाई या घर पर बिना किसी चिकित्सीय देखरेख में किया गया गर्भपात जानलेवा हो सकता है।

गर्भपात के समय भ्रूण को दर्द होता है

कुछ महिलाएं और पुरुष यह मानते हैं कि गर्भपात से भ्रूण को दर्द होता है और उसे कष्ट होता है। मगर आपको बता दें कि गर्भावस्था के 24वें सप्ताह तक गर्भ में पल रहे भ्रूण को दर्द का एहसास नहीं होता है क्योंकि इस समय तक भ्रूण में नर्व्स यानी तंत्रिकाओं का विकास नहीं हुआ होता है। हमारे शरीर में होने वाले दर्द के संकेत को मस्तिष्क तक ये तंत्रिकाएं ही भेजती हैं।

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योनि से रक्त निकलना है गर्भपात का संकेत

अधिकतर महिलाएं सोचती हैं कि गर्भावस्‍था की शुरुआत में रक्‍तस्राव होना गर्भपात का संकेत हो सकता है। यह डर गलत है। गर्भावस्‍था की शुरुआत में रक्‍तस्राव होना सामान्‍य है। करीब चालीस फीसदी मामलों में ऐसा होता है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आप गर्भपात की ओर बढ़ रही हैं। माहवारी के दौरान व्‍यायाम करते समय पेट की मांसपेशियों में दर्द होना भी पूरी तरह से सामान्‍य है।

ज्यादा तनाव से हो जाता है गर्भपात

तनाव की वजह से गर्भपात नहीं होता। इस बात का कोई साक्ष्‍य भी नहीं है कि तनाव गर्भपात का कारण है। गर्भावस्‍था के दौरान तनावपूर्ण रहना बच्‍चे के विकास पर जरूर असर डालता है, लेकिन गर्भपात से इसका संबंध स्‍थापित करने के मामले में कोई शोध नहीं हुआ है।

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