महिलाओं के निप्पल अंदर धंसने पर स्तनपान में हो सकती है समस्या, जानें इससे बचाव का तरीका

महिलाओँ के निप्पल अंदर धंसने पर उन्हें बच्चों को दूध पिलाने में हो सकती है परेशानी, जानें इससे बचाने का तरीका।
  • SHARE
  • FOLLOW
महिलाओं के निप्पल अंदर धंसने पर स्तनपान में हो सकती है समस्या, जानें इससे बचाव का तरीका


आजकल दिन- प्रतिदिन महिलाओं से संबंधित समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं को स्तन से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, स्तन के निप्पल अंदर की ओर धंसने लगते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। ऐसी स्थिति तब बनती है जब निप्पल बाहर की बजाय स्तन पर धंसा होता है। यह एक आम बात है जो 30 महिलाओं में से 1 में होती है। उल्टे निप्पल के कारण बच्चे को स्तनपान कराना मुश्लिक हो जाता है। निप्पल उल्टे होने से अक्सर दोनों स्तनों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह केवल एक स्तन में ही हो सकता है। इस समस्य को बेहतर समझ और उपलब्ध समाधानों की जानकारी आपको इससे होने वाली समस्याओं से बचा जा सकती है।

क्यों होती है निप्पल उलटे होने की समस्या? 

निप्पल दूध नलिकाओं और मांसपेशियों की कोशिकाओं से बना होता है। फाइब्रोसिस के कारण, ये ट्यूब छोटे हो जाते हैं और यह असंतुलन, निप्पल को अंदर की ओर खींचता है, भले ही मांसपेशी इसे बाहर की ओर उठाने की कोशिश कर रही हो। लंबे समय तक उल्टे निप्पल विकृति एक विकासात्मक है, जो गंभीर नहीं है, लेकिन किसी को सामान्य निप्पल के अचानक उलटा होने के बारे में पता होना चाहिए और चिकित्सा परामर्श लेना चाहिए।

स्तनपान और उल्टे निप्पल 

जब स्तनपान कराने वाली माताओं की बात आती है, तो अलग-अलग कारणों से स्तनपान को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन उल्टे निपल्स के साथ यह बहुत संभव हो जाता है। निपल्स उल्टे होने पर भी स्तनपान संभव हो सकता है, लेकिन यह निप्पल के उलटा की गंभीरता या ग्रेड पर निर्भर करता है। उल्टे निपल्स को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: 

इसे भी पढ़ें: तो इस कारण से दोबारा मां नहीं बन पाती हैं महिलाएं, शोधकर्ताओं ने बताया 'इससे बचना संभव है'

  • फ्लैट या ग्रेड 1 उलटा निप्पल: फ्लैट या ग्रेड 1 की स्थिति में बहुत कम उल्टा होता है और इस स्थिति में इसे निप्पल के चारों ओर उंगली के दबाव से उठाया जा सकता है। इस स्थिति में न्यूनतम या कोई फाइब्रोसिस नहीं है। ऐसे में दूध में नलिकाएं पूरी तरह से सामान्य हो सकती हैं, और रोगी स्तनपान कर सकता है। 
  • ग्रेड-2 उल्टे निप्पल: इस स्थिति में निपल्स को खींचने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है और दबाव हटने के बाद वो अपने आप वापस अपनी स्थिति में आ जाते हैं। स्तनपान इस स्थिति में भी संभव हो सकता है। हालांकि बच्चे को दूध देना मुश्किल हो सकता है। जिससे मां और बच्चे के लिए यह असहज हो जाता है। निप्पल सक्शन डिवाइस कभी-कभी मदद कर सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान इन चीजों को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं गर्भपात के संकेत

  • ग्रेड-3 उल्टे निप्पल: यह स्थिति सबसे गंभीर प्रकार की है, जिसमें महिला के निप्पल को ऊंचा नहीं किया जा सकता है। यह दूध नलिकाओं के गंभीर फाइब्रोसिस के कारण होता है। इससे महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करना पाती। इस तरह की निप्पल विकृति वाली महिलाओं को अक्सर निप्पल को साफ रखने में काफी मुश्किल होती है। वैसे इस स्थिति को शल्य चिकित्सा के जरिए से ठीक किया जा सकता है। जिसमें काफी छोटे दूध नलिकाओं को विभाजित करना पड़ता है। लेकिन सर्जरी के बाद भी वह महिला बच्चे को स्तनपान नहीं करा सकती है।

Read more articles on Women's Health in Hindi

 

 

 

 

Read Next

गर्भावस्था के दौरान इन चीजों को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं गर्भपात के संकेत

Disclaimer