गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच की आवश्यकता होती है,ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि गर्भावस्था में समय–समय पर जांच करवाई जाए। गर्भावस्था परीक्षण के दौरान रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण और भी बहुत से परीक्षण किये जाते है। गर्भावस्था परीक्षण के कई प्रकार हैं। इन परीक्षणों को करवाने के दौरान गर्भवती महिला को गर्भावस्था का अहसास होने लगता है। गर्भावस्था के लिए तैयार होने से पहले महिला को सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह गर्भावस्था में अनावश्यक उपचार से बचने के लिए किसी अच्छी डॉक्टर की सलाह मानें व उनसे अपनी पूरी चिकित्सा करवाएं। आइए जानें गर्भावस्था के लिए रक्त परीक्षण में क्या किया जाता है।
गर्भावस्था और रक्त परीक्षण
- गर्भावस्था में रक्त परीक्षण के माध्यम से ये जाना जा सकता है कि गर्भवती महिला का एचसीजी स्तर कितना है।
- यदि सामान्य प्रेग्नेंसी टेस्ट में परिणाम निगेटिव आता है और महिला गर्भवती है तो ब्लड टेस्ट से गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है।
- गर्भावस्था में अनावश्यक उपचार से बचने के लिए भी रक्त परीक्षण करवाया जाता है जिससे किसी भी संक्रमण या बीमारी को फैलने से पहले ही पहचाना जा सकें।
- गर्भावस्था के दौरान लगातार होने वाले हार्मोंस परिवर्तन के संतुलन को जानने के लिए भी रक्त परीक्षण जरूरी होता है।
- गर्भवती महिलाओं का हिमोग्लोबिन जांचने के लिए रक्त परीक्षण की जांच की जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को मधुमेह या उसकी संभावनाओं को जांचने और शंकाओं को दूर करने के लिए भी रक्त परीक्षण किया जाता है।
- अलग-अलग बीमारियों को जांचने और निरंतर चेकअप के लिए गर्भावस्था परीक्षण के कई प्रकार होते है।
- गर्भधारण के सात से 12 सप्ताह के बीच रक्त परीक्षण में गर्भ की पुष्टि की जाती है।
- बच्चे के लिंग निर्धारण के लिए भी रक्त परीक्षण किया जा सकता है।
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रक्त परीक्षण के प्रकार
- गुणात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण में परिणाम स्वरूप सिर्फ हां या नहीं के द्वारा ही चीजों को जाना जा सकता है। जैसे गर्भावस्था है या नहीं, मधुमेह है या नहीं। इतना ही नहीं इस टेस्ट के माध्यम से ये भी जांच सकते हैं कि एचसीजी उच्च स्तर का है या नहीं।
- संख्यात्मक गर्भावस्था रक्त परीक्षण के जरिए ये जांचा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान एचसीजी स्तर कितना है। गर्भावस्था कितने सप्ताह या महीने की है। इतना ही नहीं इस टेस्ट के जरिए ये भी जान सकते हैं कि एचसीजी स्तर कम कब था और बाद में कितना बढ़ गया इत्यादि।
एचसीजी स्तर हो या फिर किसी बीमारी के लिए गर्भावस्था में ली जाने वाली दवाईयां, रक्त परीक्षण के दौरान दवाईयों के बारे में भी डॉक्टर को बताना चाहिए कि आपने कब कौन सी दवा ली है। कहीं ऐसा न हो कि दवाईयों के कारण आपका एचसीजी स्तर या फिर रक्तचाप स्तर सामान्यं आए और रिपोर्ट दवाईयों के कारण गलत हो जाए। लिहाजा, गर्भावस्था के लिए तैयार होना अपने आप में जोखिम भरा होता है, लेकिन इस जोखिम को निरंतर सही रक्त परीक्षण व गर्भावस्था के अन्य प्रकार के परीक्षण करवाकर कम किया जा सकता है साथ ही गर्भावस्था में अनावश्यक उपचार से भी बचा जा सकता है।
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