काला नमक, जो कई भारतीय रसोई में एक आम सामग्री है, सफेद नमक की तुलना में ज्यादा स्वस्थ विकल्प माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह प्राकृतिक खनिजों में समृद्ध है, जो मानव शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए आवश्यक हैं। वहीं आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर के वात और कफ को संतुलित करता है और पाचन में सुधार करता है। अक्सर, जो लोग शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए योग, व्यायाम या जोग का अभ्यास करते हैं, वे जानते हैं कि काला नमक शरीर को डिटॉक्स करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जिन लोगों के चहरे पर दाने और एक्ने जैसीं समस्याएं रहती हैं, उन्हें इसका सेवन रोजाना करना चाहिए। दरअसल ऐसे लोगों में ये परेशानी खून साफ न होने की वजह से रहती है। ऐसे में इन लोगों के लिए खाली पेट काले नमक का सेवन कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। तो आइए जानते हैं काला नमक का सेवन हमारी नेचुरल खूबसूरती को कैसे बढ़ा सकता है।
सुबह उठते ही गुनगुने पानी में काला नमक मिलाकर पिएं
गुनगुने पानी में काला नमक मिलाकर पीने से आपका पाचन तंत्र बेहतर होगा। इसके कारण आपके पेट की गंदगी साफ हो जाएगी और आपको अच्छा महसूस होगा। दरअसल ये शरीर को डिटॉक्स करने का एक प्राकृतिक तरीका है, जिसे लोग बहुत पहले से इस्तेमाल किया करते हैं।
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नीम के पत्ते और काला नमक से बनाए डिटॉक्सीफाई जूस
काले नमक के साथ नींबू पानी वजन घटाने के लिए सबसे आसान उपायों में से एक रहा है। यह आपके शरीर में जमा अवांछित विषाक्त पदार्थों को निकालकर आपके सिस्टम को साफ करने में मदद करता है। परिणाम, निश्चित रूप से कम वजन और बेहतर पाचनतंत्र रूप में दिखाई देता है। वहीं शरीर को इस तरह से डिटॉक्स करके आप एक चमकदार त्वचा भी पा सकते हैं। इसके लिए आपको नीम के कुछ पत्तों को उबालकर उस पानी में काला नमक मिला कर पीना चाहिए। इस तरह का डिटॉक्सीफाई जूस आपके खून की सफाई करेगा, जो आपको एक दमकती त्वचा पाने में मदद कर सकता है।
पीएच संतुलन और त्वचा रोग
आपके शरीर के पीएच स्तर को बहाल करने के लिए काला नमक वाला नींबू पानी एक प्रभावी तरीका है। 7.0 से ऊपर का पीएच स्तर बेसिक होता है और 7.0 से नीचे अम्लीय यानी कि एसिडिक होता है। नींबू का जूस अम्लीय होता है, लेकिन जब यह हमारे शरीर के अंदर जाता है, तो यह बेसिक हो जाता है क्योंकि काला नमक बेसिक है। आपका शरीर एसिडिक से अधिक बेसिक होना चाहिए। पीएच संतुलन का रखरखाव महत्वपूर्ण है क्योंकि खराब पीएच संतुलन पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जो कि त्वचा संबंजी रोगों जैसे की छाईं, एक्ने और चहर पर बड़े-बड़े दाने होना आदि का कारण बन सकते हैं। वहीं उचित पीएच संतुलन पोषक तत्वों के अवशोषण, पाचन, विष उन्मूलन आदि में मदद करता है, इस प्रकार काले नमक का खाने में इस्तेमाल करके आप कई तरह के त्वचा रोगों से बचे रह सकते हैं।
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शरीर में खनिज अवशोषण में सुधार लाता है
हमारे शरीर को समग्र स्वास्थ्य के लिए खनिजों की आवश्यकता होती है। लेकिन यह अपने आप इन खनिजों का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए इन्हें भोजन के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचाया जाना चाहिए। पीएच संतुलन और स्वस्थ तंत्रिका तंत्र के रखरखाव, एंजाइम प्रतिक्रियाओं को सही रक कर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के काला नमक बेहतर तरीके से काम कर सकता है। एक चुटकी काले पानी के साथ नींबू पानी का सेवन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए खनिजों का उचित अवशोषण आवश्यक है। दिन में 2-3 बार इसे पीना मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि खनिजों के अवशोषण में सुधार करता है। इस प्रकार, ये स्किन से जुड़े परेशानियों के लिए ही नहीं बल्कि ऑस्टियोपोरोसिस (कैल्शियम की कमी), एनीमिया (लोहे की कमी), मांसपेशियों की कमजोरी और असामान्य धड़कनों जो कि मैग्नीशियम की कमी के कारण होता है जैसे स्वास्थ्य के जुड़ी मुद्दों को कम करने में मदद करता है।
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