
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar Add) की तबियत रविवार को अचानक से बिगड़ गई। इसके बाद गंभीर हालात में उन्हें हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि अभिनेता दिलीप कुमार को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि दिलीप कुमार बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन ( bilateral pleural effusion) की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कारण उनके सीने में दर्द और सांस फूलने जैसी समस्या हो रही थी। फिलहाल उनकी हालत स्थित बताई जा रही है। चलिए मेदांता हॉस्पिटल के लंग्स स्पेशलिस्ट डॉक्टर अरविंद कुमार से जानते हैं आखिर क्या है बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन (bilateral pleural effusion)-
क्या है बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन ( What is bilateral pleural effusion)
मेदांता हॉस्पिटल के लंग्स एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि लंग्स के चारों ओर पानी भरने की स्थिति को प्ल्यूरल इफ्यूजन (pleural effusion) कहते हैं। अगर दोनों लंग्स के चारों ओर पानी एकत्रित हो जाए, तो इस स्थिति को कहते हैं बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन (bilateral pleural effusion)। डॉक्टर का कहना है कि यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक स्थिति है। यह स्थिति कई बीमारियों के कारण हो सकती है। बीमारियों के आधार पर ही इसका इलाज किया जाता है।
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किन बीमारियों के कारण हो सकती है यह स्थिति?

- लंग इंफेक्शन
- निमोनिया
- ट्यूबरक्लुलॉसिस
- कैंसर
- किंडली संबंधी बीमारी
- ऑटो इम्यून कंडीशन
- कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर
- लंग्स आर्टरीज में ब्लॉकेज
क्या है इस समस्या के लक्षण (Sympyoms of bilateral pleural effusion)
- फेफड़ों की झिल्ली के अंदरुनी हिस्से में दर्द होना।
- फेफड़ों के बाहरी हिस्से में तरल पदार्थ जमा होना।
- सांस फूलना
- सीने में तेज दर्द होना।
- खांसी होना।
- खांसी के दौरान सीने में दर्द होना।
- कुछ-कुछ लोगों को इस स्थिति में बुखार भी हो सकता है।
बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन का इलाज (Treatment of bilateral pleural effusion )
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन (bilateral pleural effusion) का इलाज व्यक्ति के बीमारियों के आधार पर किया जाता है। जैसे- अगर किसी व्यक्ति के ब्लड में एल्ब्यूमिन की कमी है, तो उनके डाइट में बदलाव करके इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति को लंग्स, हार्ट या फिर लिवर से जुड़ी बीमारी है, तो उस बीमारी की गंभीरता के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। गंभीर स्थिति में लंग्स से पानी निकालने के लिए परमानेंट ड्रेन की मदद ली जाती है, जिससे पानी के बढ़े स्तर को कम किया जा सके। इसके अलावा कुछ परिस्थिति में सर्जरी का भी सहारा लिया जाता है।
प्ल्यूरल इफ्यूजन के खतरे
फेफड़ों में पानी भर जानें पर इस समस्या को अनदेखा न करें। डॉक्टर का कहना है कई स्थिति में यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। इसके कारण लंग्स इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही इससे लंग्स डैमेज हो सकते हैं। इसके अलावा इस समस्या के कई अन्य जोखिम हैं। जैसे-
- हाई ब्लड प्रेशर
- स्ट्रोक की समस्या
- एकआईवी
- इंफेक्शन
- ब्लीडिंग
कैसे करें बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन (bilateral pleural effusion) इसका बचाव
- खानपान पर ध्यान दें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- शराब और धूम्रपान से दूर रहें।