गर्मियों में इन 4 आटे की रोटियां खाने से मिलेंगे कई फायदे, ठंडी होती है तासीर

गर्मी में शरीर को ठंडक देने के लिए हल्का और ठंडा भोजन करना फायदेमंद होता है। अगर बात रोटियों की हो, तो आप इन 4 तरह के आटे से बनी रोटियां खा सकते हैं। 
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गर्मियों में इन 4 आटे की रोटियां खाने से मिलेंगे कई फायदे, ठंडी होती है तासीर


Flour for summers: जिस तरह से सर्दियों में गर्म तासीर के खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है, ठीक उसी तरह गर्मी के मौसम में ठंडी तासीर के फूड्स को महत्व दिया जाना चाहिए। ताकि गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा रखा जा सके, पेट की गर्मी को शांत किया जा सका। वैसे तो गर्मियों में लोग शरीर को ठंडा रखने के लिए तरह-तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, लेकिन रोटी एक ऐसा आहार है जिसे दिन में 1 या 2 बार हर कोई खाता ही है। सर्दियों में रागी, बाजरा, कुट्टू आदि से बनी रोटियों का सेवन किया जाता है। लेकिन गर्मियों में भी आपको आटा बदलने की जरूरत होती है। गर्मियों में आपको ठंडी तासीर वाले आटे से बनी रोटियों का सेवन करना चाहिए। इससे पेट में गर्मी नहीं बनेगी, आपको हल्का और अच्छा महसूस होगा। चलिए जानते हैं गर्मियों में कौन-कौन से आटे की बनी रोटियां खानी चाहिए। 

1. गेहूं का आटा (Wheat Flour for Summers)

वैसे तो अधिकतर लोग गेहूं से बनी रोटियां ही खाते हैं। लेकिन सर्दियों में इसकी जगह बाजरा, मक्का आदि की रोटियां खाना पसंद करते हैं। अब गर्मी का मौसम आ गया है, तो आप दोबारा से गेहूं की रोटियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। गेहूं की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन किया जा सकता है।

गेहूं का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। चोकर वाला गेहूं खाने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। गेहूं के गुण रक्त को भी साफ करते हैं। गेहूं में फाइबर अधिक होता है, जो वटन घटाने में कारगर होता है। थायराइड रोगियों के लिए भी गेहूं का आटा फायदेमंद होता है।

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2. चने का आटा

गर्मियों में चने के आटे से बनी रोटियां भी खाई जा सकती हैं। चने के आटे की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह गर्मी के मौसम के अनुकूल होती है। चने के आटे में प्रोटीन अधिक होता है। 1 कप चने के आटे में करीब 20 ग्राम प्रोटीन होता है। चने का आटा मांसपेशियों का निर्माण करने, वजन को कंट्रोल रखने में भी सहायक होता है। 

अधिकतर लोग बेसन को ही चने का आटा समझ लेते हैं, लेकिन ये बेसन और चने का आटा एक-दूसरे से अलग होते हैं। बेसन को रिफाइन किया जाता है, इससे इसका सारा फाइबर निकल जाता है। वही आटे को छिलके सहित पीसा जाता है, यह बेसन से मोटा होता है और इसमें फाइबर भी भरपूर होता है।

3. जौ का आटा

गर्मियों में अधिकतर लोग पेट को ठंडा रखने के लिए जौ का पानी पीते हैं। लेकिन आप चाहें तो जौ को पीसकर इसका आटा भी तैयार कर सकते हैं, गर्मियों में इसकी रोटियां बना सकते हैं। गर्मियों में जौ को इसलिए फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। साथ ही जौ पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। जौ के आटे से बनी रोटियां खाने से पेट से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। जौ ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से होने वाले कील मुहांसों से भी बचाता है। डायबिटीज रोगियों के लिए भी जौ की रोटियां लाभकारी होती है।

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4. ज्वार का आटा (jowar flour in summer)

ज्वार में पोषक तत्व होते हैं। ज्वार प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसके अलावा ज्वार में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन भी होता है। ज्वार की तासीर ठंडी होती है, इसलिए पित्त प्रकृति के लोग भी इसकी रोटियां खा सकते हैं। वात के लोगों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ज्वार का आटा (jowar flour in summer) पित्त और कफ को शांत करता है। ज्वार में कैलोरी कम होती है, पोषण अधिक होता है। इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। ज्वार के आटे की रोटियां खाने से थकान दूर होती है, शरीर को बल मिलता है। 

गर्मियों में आप भी ज्वार, जौ, गेहूं और चने के आटे से बनी रोटियां खा सकते हैं। लेकिन वात वाले लोगों ज्वार का आटा खाने से बचना चाहिए।

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