PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होने वाली समस्या है, जिससे कई महिलाएं परेशान हैं। यह समस्या होने पर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर प्रभाव पड़ सकता है। इस समस्या से बचने या फिर इसे मैनेज करने के लिए हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना एक फायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है। हाल ही में एक्ट्रेस और फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर की है, जिसमें उन्होंने फिटनेस कोच अपूर्व माथुर से इस विषय पर बातचीत की है।
PCOS में HIIT वर्कआउट करना फायदेमंद
फिटनेस कोच के मुताबिक PCOS की समस्या में HIIT वर्कआउट करना फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, पीसीओस 4 प्रकार के होते हैं, इसलिए आपको सबसे पहले अपने पीसीओस को पहचानना है और इसके बाद फिटनेस ट्रेनर की मदद से आप यह वर्कआउट कर सकती हैं। पीसीओस और HIIT वर्कआउट का आपस में सीधा संबंध है। HIIT वर्कआउट ट्रेनिंग करना आपकी पीसीओस की समस्या में काफी लाभकारी विकल्प साबित हो सकता है। इस ट्रेनिंग में आराम करना भी बेहद जरूरी है। दरअसल, इस दौरान शरीर में स्ट्रेस रिलीज होता है, इसलिए इससे राहत पाने के लिए अपने स्ट्रेस हार्मोन्स को भी नियंत्रित करें।
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PCOS में HIIT वर्कआउट करने के फायदे
- PCOS में HIIT वर्कआउट करना कई तरीकों से लाभकारी होता है।
- इससे महिलाओं की कार्डियो मेटाबॉलिक और रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार होता है।
- यह वर्कआउट महिलाओं के वजन को नियंत्रित रखने के साथ ही शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस को भी मैनेज रखता है।
- यह वर्कआउट मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को बढ़ाने के साथ ही ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है।
PCOS को मैनेज करने के तरीके
- अगर आप भी पीसीओस की समस्या से परेशान हैं तो ऐसे में सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
- इससे बचने या इसे मैनेज करने के लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज और प्राणायाम करना चाहिए।
- इसके लिए ज्यादा स्ट्रेस लेने से बचें और पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
- पीसीओस को मैनेज करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें इसके साथ ही जंक और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
- पीसीओस की समस्या होने पर कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम करें।