Benefits Of Dairy Products During Pregnancy: प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन में खास पल होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को खुद के स्वास्थ्य के साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहना होता है। इस दौरान उनकी आदतों और जीवनशैली का प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को डाइट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस दौरान डाइट में दूध और दूध से बनी चीजों को शामिल कर महिलाएं अपनी रोजाना की जरूरत को पूरा कर सकती हैं। एक स्वस्थ प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं को कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप डेयरी उत्पाद एक मुख्य सोर्स माना जा सकता है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में भैंस का दूध पचता नहीं है, ऐसे में वह गाय के दूध को डाइट में शामिल कर सकती है।
ओनलीमायहेल्थ के द्वारा लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरुक बनाने के लिए एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ को शुरु किया है। इस सीरीज में आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टरों से बात कर संबंधित रोगों के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा की जाती है। आज की सीरीज में हम गर्भावस्था में डेयर प्रोडक्ट लेने के फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। प्रेग्नेंसी में डेयरी प्रोडक्ट के फायदों को जानेने के लिए हमने मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग से बात की। उन्होंने आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में दूध या अन्य दूध से बने उत्पाद को लेने के फायदों के बारे में विस्तार से बताया।
आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में डेयरी प्रोडक्ट लेने के फायदे - Benefits Of Dairy Products During Pregnancy According Ayurveda in Hindi
पाचन अग्नि को शांत करना
गर्भावस्था के कारण कुछ महिलाओं की पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार यदि डेयरी उत्पाद को सीमित मात्रा में डाइट में शामिल किया जाए, तो इससे पाचन अग्नि (Digestive Fire) को शांत किया जा सकता है। इसके अलावा, दूध को पाचन क्रिया को मजबूत करने में फायदेमंद माना जाता है।
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शरीर को हाइड्रेट करें
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पानी की कमी होने से कफ दोष हो सकता है। इसकी वजह से महिला को पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। ऐसे शरीर के दोष को शांत करने के लिए आप लस्सी का सेवन कर सकते हैं। इसमें हाइड्रेटिंग गुण होते हैं, जो महिलाओं की पानी की जरूरत को पूरा करने का काम करती है। गर्भावस्था में लस्सी व छांछ के सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है और महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी कब्ज आदि की समस्या में आराम मिलता है।
मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम
आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था में बच्चे की हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। ऐसे में महिलाओं को डाइट में दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट को शामिल कर सकती हैं। इनके नियमित सेवन से भ्रूण की हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही, बच्चे को जन्म के बाद हड्डियों से जुड़ी समस्या होने की संभावना कम हो जाती है।
प्रोटीन की आवश्यकता को करें पूरा
प्रोटीन भ्रूण की वृद्धि के लिए आवश्यक माना जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं दूध व दूध से बनी चीजों को डाइट में शामिल कर प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर सकती हैं। डेयरी उत्पादों में हाई प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा, दूध व दही बच्चे की ग्रोथ के लिए आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करते हैं।
गर्भावस्था में घी खाना फायदेमंद
आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान घी खाने के कई फायदे बताए गए हैं। ऐसा जाना जाता है कि यह हड्डियों के जोड़ों को चिकना बनाने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह महिला के तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को पोषण प्रदान करता है। इसके अलावा, घी आहार की पौष्टिकता को बढ़ाने में सहायक होता है।
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प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। ऐसे में आयुर्वेद गर्भसंस्कार के बारे में विस्तार से बताता है कि बच्चे के व्यक्तित्व का निर्माण मां के गर्भ से ही शुरू हो जाता है। इसके लिए जीवनशैली में कई तरह के बदलाव किए जाते हैं। साथ ही, डाइट प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे के लिए अहम रोल अदा करती है। गर्भावस्था में डाइट में बदलाव करने से पहले आपको आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेनी चाहिए। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। हम अपनी सीरीज आरोग्य विद आयुर्वेद में अगले सप्ताह नई जानकारी लेकर आएंगे। साथ ही, इस सीरीज में आपको आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारी प्रदान करते रहेंगे। आयुर्वेद के माध्यम से अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। साथ ही, हमारे लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि वह भी आयुर्वेदिक उपचारों के विषय में जागरूक हों और उनको भी इसका लाभ मिलें।