माता-पिता अपने बच्चे को हर हुनर सिखाना चाहते है ताकि वह जिंदगी की रेस में पीछे न रहें। आप उन्हें म्यूजिक क्लास से लेकर ड्राइंग क्लास तक भेजने की कोशिश करते है। अगर कभी बच्चे को न जाने का मन भी करे, तो आप उन्हें जबरदस्ती भेजने की कोशिश करते है लेकिन खाना बनाने के मामले माता-पिता बच्चे को उस तरह से प्रोत्साहित या जागरूक नहीं कर पाते है। कई पेरेंट्स इस बात से भी डरते है कि किचन में काम के दौरान उन्हें चोट न लग जाएं। इस डर से वे उन्हें किचन में आने नहीं देते है लेकिन इससे आपके बच्चे का नुकसान हो सकती है। जी हां, माता-पिता के साथ खाना बनाने के दौरान बच्चे और पेरेंट्स के बीच एक अटूट रिश्ता कायम होता है। बच्चा जो बात ऐसे नहीं बता पाता है, खाना बनाने और पेरेंट्स की मदद करने के दौरान बताते है क्योंकि वह समय कंफर्टेबल महसूस करते है। साथ ही इससे उनके जीवन में काफी बदलाव आता है। उनके मन में खाना बनाने या परोसने वाले के प्रति आदर का भाव आता है। साथ ही वह अपने लिए बढ़िया खाना बनाना भी सीख लेते है ताकि अब अगर घर पर न भी रहे, तो वह अपने लिए कुछ पका सकें। इसके अलावा किचन में खाना बनाने और काम करने के दौरान बच्चों को शामिल करने के और भी कई फायदे है। आइए इन फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
किचन में बच्चों के साथ काम करने के फायदे
1. बच्चे जिंदगी जीने का हुनर सीखते हैं
किचन में बच्चों को खाना बनाने या काम करने के दौरान शामिल करने से उनके जीवन में लाइफ स्किल का विकास होता है। वह बड़े होने के बाद खाने के किसी पर आश्रित नहीं होते है। वह खुद खाना बनाकर खा सकते है। यह सभी के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही इससे बच्चे की क्रिएटिविटी, मैथ्स स्किल और सोचने की क्षमता का विकास होता है। दरअसल जब आप बच्चे के साथ खाना बनाते है, तो उन्हें बताएं कि सब्जी बनाने के लिए कितनी हल्दी डालें या फिर कितने नमक का इस्तेमाल सही होता है। इससे बचपन से ही उनमें कई स्किल्स का विकास होता है।
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2. फोकस और ध्यान केंद्रित करने में मददगार
खाना बनाने के दौरान बच्चे आपकी बातें ध्यान से सुनते हैं और फिर काम करते हैं। ऐसे में किचन में आपकी मदद करते हुए बच्चों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का विकास होता है। साथ ही वह चीजों को मिक्स करना चाहिए और किन चीजों से नुकसान हो सकता है। इन सभी बातों की समझ बढ़ती है।
3. खाने की अच्छी आदत
अगर बच्चे आपके साथ किचन में खाना बनाते है, तो उनके अंदर घर का बना हुआ खाना खाने की आदत डेवलप होती है। साथ ही इससे वह बाहर के खाने की मांग भी नहीं करते है बल्कि कई बार बच्चे माता-पिता को कहते है कि कल हम इस तरह से डिश तैयार करेंगे। इससे बच्चों में मोटापा और कई खाने-पीने से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती है। साथ ही उन्हें अच्छे खाने और अनहेल्दी खाने के बीच फर्क करना आने लगता है।
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4. माता-पिता से अटूट संबंध
कई बार स्कूल, कॉलेज और अन्य गतिविधियों के कारण बच्चों माता-पिता के साथ कम समय गुजार पाते है लेकिन किचन में खाना बनाने के दौरान आप एक टीम बनकर काम करते है, जिससे रिश्तों में दूरियां घटती है। बच्चे अपनी समस्याएं और बातें पेरेंट्स से बता पाते हैं। इसके बाद खाना बनाने के बाद खाने के दौरान भी आप एक-दूसरे के साथ बैठकर खाने का मजा लेते है। इससे उन्हें अपनी गलतियां भी पता चलती है।
5. आत्मविश्वास बढ़ता है
किचन में माता-पिता के साथ खाना बनाने से बच्चों को आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें इस बात की खुशी होता है कि उन्होंने कुछ नया सीखा। साथ ही बाकी बच्चों की तुलना में खुद को बेहतर समझ पाते है। इससे उन्हें यह महसूस होता है कि वह अपने मनपसंद खाने की चीजें बना सकते हैं।
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किचन में बच्चों को दें ये काम
1. बच्चों को किचन में पकाने और चॉपिंग का काम न दें। इससे उन्हें चोट लग सकती है।
2. बच्चों को किचन में सब्जियां लाने या सलाद के लिए फल धोने का काम दें।
3. इसके अलावा आप उन्हें बनी हुई चीजों को पैक करने का काम दे सकते हैं।
4. केक या पैनकेक पर क्रीम लगाने के काम बच्चों को सौंप सकते हैं।
5. बच्चों को आप हाथ पकड़कर रोटी बेलना या गोल करना सीखा सकते हैं।
6. बच्चों को स्टफिंग या फीलिंग का काम दे सकते हैं।
बच्चों के साथ किचन में काम करने के दौरान उनका बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है। साथ ही जब भी बच्चा किचन में हो, आपको उनके साथ रहना चाहिए। बच्चों को किचन में चाकू या गर्म चीजों को छूने बिल्कुल न दें। इसके अलावा उन्हें इलेक्ट्रिकल चीजों से भी दूर रखें।