
Benefits Of Black Raisins During Pregnancy In Hindi: कहा जाता है कि महिलाओं को फल-सब्जियां खूब खानी चाहिए ताकि बच्चे का विकास बेहतर तरीके से हो। इसी क्रम में कई गर्भवती महिलाएं काले किशमिश खाती हैं। सवाल है, क्या काले किशमिश गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं? एक्सपर्ट्स की मानें, तो काले किशमिश खाने से गर्भवती महिलाओं को असंख्य लाभ मिलते हैं। यही नहीं, कई साइंटिफिक अध्ययन भी यह साबित कर चुके हैं कि शुगर की मात्रा ज्यादा होने के बावजूद गर्भावस्था में काले किशमिश खाने से काफी लाभ पहुंचता है। कहने का मतलब यह है कि गर्भवती महिलाएं शौक से काले किशमिश को कुछ सावधानियों के साथ अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। इस लेख में डाइट एन क्योर क्लीनिक की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जाने इसके फायदे के बारे में।
कब्ज से राहत मिलती है
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कब्ज की समस्या बनी रहती है। ऐसा असल में, हार्मोन में बढ़ोत्तरी के कारण होता है। ऐसे में अगर महिलाएं काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल करती हैं, तो कब्ज की समस्याएं कम होंगी। दरअसल, काली किशमिश फाइबर का अच्छा स्रोत है। फाइबर पेट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, साथ ही इसके इनटेक की वजह से मल नर्म होता है।
इसे भी पढ़ें: रोज सुबह खाली पेट पिएं काली किशमिश का पानी, मिलेंगे जबरदस्त फायदे
ऊर्जा बढ़ती है
गर्भवती महिलाएं अक्सर अपनी प्रेग्नेंसी के कारण ऊर्जा की कमी का अहसास करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान महिलाओं का शरीर हर समय एक्टिव मोड में रहता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहा शिशु का हर क्षण विकास हो रहा होता है, जिस वजह से उन्हें अधिक आयरन की जरूरत होती है। अगर शरीर में आयरन की कमी न हो, इसलिए अपनी डाइट में काले किशमिश शामिल कर सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
काली किशमिश में विटामिन-सी होता है। विटामिन-सी इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है। यह बात तो हर कोई जानता है कि प्रेग्नेंसी की वजह से महिलाओं की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। मौसम बदलते ही उन्हें सर्दी-जुकाम लग जाता है। काली किशमिश को डाइट में शामिल करने से इस तरह की समस्याओं में कमी आती है। साथ ही, अन्य संक्रमण होने का खतरा भी कम होता है।
इसे भी पढ़ें: रातभर दूध में भिगोकर रखें काली किशमिश, सुबह खाली पेट खाने मिलेंगे 5 जबरदस्त फायदे
मतली से राहत मिलती है
गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली होना बहुत आम समस्या है। कई महिलाओं को तो प्रत्येक दिन सुबह उठते ही मॉर्निंग सिकनेस की प्रॉब्लम होने लगती है। इस सिचुएशन से बचने के लिए महिलाएं विटामिन-सी का इनटेक बढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से मतली की प्रॉब्लम कम होगी, साथ ही उल्टी होने की समस्या में भी कमी आएगी। मतली और उल्टी जैसी समस्या से बचने के लिए महिलाओं को कुछ गिने-चुने काली किशमिश खाना ही पर्याप्त होता है।
वजन बढ़ाने में मददगार
काली किशमिश में अच्छी मात्रा में कैलोरी होती है, जो कि वजन बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि, उन्हें कम गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। साथ ही, काली किशमिश का सेवन हमेशा किसी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मिलकार करना चाहिए। इससे शरीर में कैलोरी काउंट बैलेंस करने में मदद मिलती है।
कितनी मात्रा में लें
गर्भवती महिलाओं को काले किशमिश कितनी मात्रा में खानी चाहिए, यह बात उनके ओवर ऑल स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। इसके अलावा, उनके शरीर की क्या रिक्वायरमेंट है, उसका भी विश्लेषण किया जाता है। हालांकि, सामान्य तौर पर, यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाएं संतुलित आहार के हिस्से के रूप में काली किशमिश का सेवन कम मात्रा में कर सकती हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गाएनेकोलॉजिस्ट की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 2-3 बार फलों का सेवन करना चाहिए, जिसमें काले किशमिश जैसे सूखे मेवे शामिल हो सकते हैं। काली किशमिश 1/4 कप या 1.5 औंस ले सकते हैं।
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि काली किशमिश गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही लाभकारी है। सीमित मात्रा में काली किशमिश का सेवन करने से बच्चे में जनम से कोई डिफेक्ट भी चांसेज घट जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसमें फोलिक एसिड होता है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़े बर्थ डिफेक्ट के चांसेज को कम करने में मदद करता है। इसके बावजूद, यह सलाह दी जाती है कि इसका सेवन कम मात्रा में और एक्सपर्ट द्वारा सुझाई गई क्वांटिटी में ही करना चाहिए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को अगर किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो बिना एक्सपर्ट की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
image credit: freepik