अगर आप खुद को विभिन्न बीमारियों से बचाना चाहते हैं तो डाइट और एक्सरसाइज को अपने लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करें। जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ प्रताप चौहान बताते हैं कि हमारी व्यस्त जीवनशैली और गलत खानपान हमारी सेहत को प्रभावित करता है, इसलिए हम जो खा रहे हैं उसका साफ शुद्ध होना काफी जरूरी होता है। आयुर्वेद के मुताबिक हमें हेल्दी डाइट का पालन करना चाहिए, जिससे हमारे शरीर को आवश्यक पोषण प्राप्त हो सके। आजकल की आधुनिक लाइफस्टाइल पहले से ही काफी खराब है। इसलिए खुद को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए केवल हम इसी प्रकार की कुछ हेल्दी आदतें अपने लाइफस्टाइल में जोड़ सकते हैं जो हमें फिट रहने में मदद करेंगी। आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार हमें कौन सी डाइट का पालन करना चाहिए।
आयुर्वेद के मुताबिक मसाले और जड़ी बूटियां
आयुर्वेद में काफी आवश्यक हर्ब्स और मसालों का जिक्र है जो शरीर के लिए लाभदायक है। मसालों में जैसे केसर, हल्दी, इलाइची, दालचीनी आदि का सेवन करने पर जोर दिया गया है। इन मसलों में काफी मेडिकल गुण होते हैं। इनमें काफी एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं और इनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। यह कैंसर से बचाने में, स्किन को रिजनरेट करने में , लोगों को एनर्जी प्रदान करवाने में लाभदायक हैं। हल्दी जैसे मसालों का घाव और कट्स भरने में भी रोल है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में और गले को दर्द को ठीक करने में लाभदायक माने जाते हैं। इनका प्रयोग खाने में जरूर करना चाहिए।
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समय से खाना बहुत जरूरी है
आयुर्वेद में समय से खाना खाने और उचित मात्रा में भोजन करने पर भी काफी जोर दिया गया है। आयुर्वेद के मुताबिक व्यक्ति को एक सीमित मात्रा में कई बार खाना खाते रहना चाहिए। मील खाने के समय में भी नियमितता होनी चाहिए। ऐसा करने से काफी सारी पाचन से जुड़ी और अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा शरीर को ट्रैक पर रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का भी प्रयोग किया जा सकता है। इससे शरीर हल्का और हेल्दी रहता है साथ ही शरीर में एनर्जी भी भरपूर रहती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग और माइंडफुल ईटिंग से भी फायदा होगा। साथ ही रात में भी सोने से तीन चार घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए और फिर उसके बाद कुछ नहीं खाना चाहिए। रोजाना एक ही समय पर भोजन करने से वजन कम करने में भी लाभ मिल सकता है।
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होल फूड और बैलेंस मील का करें सेवन
आयुर्वेद में हमेशा ही संतुलित आहार खाने पर जोर दिया गया है, जिसमें काफी सारे विटामिन और न्यूट्रिएंट्स शामिल हों। आयुर्वेद हमारे शरीर के दोषों वात, पित्त और कफ को संतुलित करने पर फोकस करता है। एक व्यक्ति के अंदर कौन सा दोष ज्यादा है और कौन सा कम, इसी आधार पर उसे अपनी मील का चुनाव करना चाहिए। उसे ऐसा भोजन करना चाहिए, जिससे यह तीनों दोष एक समान हो सकें और शरीर को कोई नुकसान न पहुच सके। पित्त दोष उन चीजों में पाया जाता है जो ठंडी प्रकृति की हो और शरीर को एनर्जी प्रदान करवा सकें। वहीं वात दोष में गर्म और नमी वाली चीजों को खाया जाता है। कफ दोष हेल्दी चीजों जैसे फल और सब्जियों के हित में होता है। इन तीनों तरह के खाद्य पदार्थों में ही आर्टिफिशल, स्वीटनर और लाल मीट जैसी चीजों को खाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इन डाइटिंग टिप्स की मदद से आप अपने शरीर को हेल्दी रख सकते हैं और यह आपका एक हेल्दी वजन कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इन आयुर्वेदिक टिप्स का पालन करने से शरीर को बीमारियों से काफी दूर रखा जा सकता है।