अपनी विशालता के लिए जाना जाने वाला बरगद का पेड़ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यह एक ऐसा पेड़ है, जो कई वर्षों तक जीवित रहता है। इसे कई लोग वट या फिर बड़ के नाम से भी जानते हैं। बरगद का पेड़ आपको किसी बगीचे और मंदिरों में काफी आसानी से मिल सकते हैं। कई लोग बरगद के वृक्ष की पूजा करते हैं। खासतौर पर "बट सावित्री की पूजा" महिलाएं इसकी पूजा करती हैं। हिंदू धर्म में इस पेड़ का काफी महत्व है। वहीं, आयुर्वेद में भी इस पेड़ कों कई औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। शरीर की कई बीमारियों को दूर करने के लिए इसकी पत्तियों से लेकर छाल तक का इस्तेमाल किया जाता है। आज हम इस लेख में बरगद की छाल के फायदों के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं बरगद की छाल का काढ़ा (Banyan Bark Kadha Benefits ) के फायदे क्या हैं?
बरगद की छाल का काढ़ा के फायदे
गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि बरगद के पेड़ का लगभग हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद में इसकी पत्तियां, दूध, छाल, जड़ इत्यादि का इस्तेमाल होता है। इसके इस्तेमाल से आप शरीर की कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस विषय के बारे में विस्तार से-
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1. घाव को सुखाने में असरदार समस्याओं को करे दूर
घाव को सुखाने के लिए आप बरगद की छाल का काढ़ा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए काढ़ा पीने की जरूरत नहीं होती है। बल्कि आप इससे तैयार काढ़े से अपने घाव को धोएं। इससे घाव जल्द से जल्द ठीक हो सकता है। साथ ही अगर घाव ज्यादा पुराना है, तो इस परेशानी से भी निजात दिलाने में बरगद की छाल का काढ़ा लाभकारी हो सकता है।
2. वजाइनल डिस्चार्ज में असरदार
बरगद की छाल का काढ़ा योनि स्त्राव में भी असरदार होता है। यह ल्योूकिरिया यानि सफेद पानी की समस्या को दूर करने में असरदार हो सकता है। इसके लिए बरगद की छाल का काढ़ा लें। अब इस काढ़े से एक साफ सूती कपड़े को भिगो लें। इसके बाद इस कपड़े को कुछ समय के लिए योनि पर रखें। दिन में दो बार इस प्रक्रिया को फॉलो करने से वजाइनल डिस्चार्ज को कम किया जा सकता है।
3. खांसी-जुकाम से राहत
बरगद की छाल का काढ़ा खांसी-जुकाम की परेशानी को दूर करने में असरदार होता है। इसके लिए बरगद की छाल का काढ़ा नियमित रूप से दिन में 2 बार पिएं। इससे जुकाम दूर होगा। साथ ही मानसिक दुर्बलता भी दूर होगी।
4. अनिद्रा की परेशानी होगी दूर
बरगद की छाल का काढ़ा पीने से अनिद्रा की शिकायत दूर हो सकती है। नियमित रूप से दिन में 2 बार इस काढ़े को पीने से आपको नींद अच्छी आती है। साथ ही मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सकता है।
5. झड़ते बालों के लिए असरदार
बरगद की छाल का काढ़ा झड़ते बालों के लिए भी असरदार होता है। इसके लिए सप्ताह में दो बार इस काढ़े से अपने बालों को धोएं। आप चाहे, तो काढ़े में 2 से 3 बूंदें तिल के तेल को भी मिक्स कर सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। इसके अलावा नारियल तेल में बरगद की छाल को भिगोकर रख दें। इस तेल को नियमित रूप से लगाने से काफी लाभ मिलेगा।
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कैसे तैयार करें बरगद की छाल का काढ़ा?
बरगद की छाल का काढ़ा तैयार करने के लिए 1 लीटर पानी लें। अब इस पानी को सामान्य आंच पर चढ़ाएं। इसके बाद इसमें 2 से 3 चम्मच बरगद की छाल का चूर्ण डालें। इस पानी को करीब 5 से 7 मिनट उबलने दें। इसके बाद इसे आंच से उतार लें। इस काढ़े को पीने के लिए आप अपने स्वाद के अनुसार शहद या चीनी मिक्स कर सकते हैं। सुबह-शाम चाय की तरह इस काढ़े को पीने से लाभ मिलेगा।
प्रतिदिन कितनी मात्रा में पी सकते हैं काढ़ा?
एक्सपर्ट के अनुसार, बरगद की छाल का काढ़ा किसी भी आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह पर ही पिएं। वहीं, इस काढ़ा का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। प्रतिदिन 50-100 मिलीग्राम बरगद की छाल का काढ़ा पी सकते हैं।
बरगद की छाल का काढ़ा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि बिना एक्सपर्ट की सलाह के इस काढ़े का सेवन न करें। इससे आपके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।