
Balancing Exercises For Old Age In Hindi : उम्र बढ़ने के साथ ही कई तरह की परेशानियां लोगों को घेरने लगती हैं। बढ़ती उम्र में लोगों को अक्सर चलने में परेशानी होती है। शरीर का संतुलन न बन पाने के कारण बुजुर्गों को धीरे-धीरे चलना पड़ता है। साथ ही संतुलन न बना पाने के कारण उनके गिरने और फैक्चर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि कई बार बुजुर्गों को गिरने की वजह से अन्य तरह की समस्याओं को सामना करना पड़ता है। ऐसे में बुजुर्गों को अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ ही मांसपेशियां कमजोर होने लगती है, साथ ही उन्हें लचीलापन कम होने लगता है। इस समय में आंखे भी कमजोर हो जाती है, जिस वजह से भी शरीर का बैलेंस नहीं बन पाता है। क्योंकि कई बार बुजुर्गों को सही तरह से दिखाई न देने की वजह से वह चीजों से टकराकर गिर जाते हैं। लेकिन इस लेख में हम आपको एक्सरसाइज के द्वारा शरीर के संतुलन को बनाए रखने के आसान उपाय बताने जा रहे हैं। इन एक्सरसाइज के द्वारा आपको शरीर का संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। आगे जानते हैं शरीर के बैलेंस को बेहतर करने वाली एक्सरसाइज के बारे में।
बैलेसिंग एक्सरसाइज (Balancing Exercises In Hindi)
भुजंगासन
इसे स्नेक पोज भी कहा जाता है। भुजंगासन के फायदे कई होते हैं। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन इस आसन का एक मुख्य लाभ है। इस आसन को करने से बुजुर्ग आसानी से झुक पाते हैं। इससे शरीर का बैलेंस बनाने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटना होता है। इसके बाद हथेलियों को जमीन पर सीने के पास रखते हुए आधे शरीर को ऊपर की ओर उठाना होता है। इस अवस्था में कुछ देर रुके और फिर दोबारा पहली पोजीशन में आ जाएं।
ट्री पोज
ट्री पोज (Tree Pose) से शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिलती है। शुरुआत में आप इस आसन या एक्सरसाइज को कुछ सेकंड के लिए ही कर पाएंगे। लेकिन धीरे-धीरे आप इसे लंबे समय तक करने लगेंगे। शरीर के संतुलन के लिए ये एक बेहतरीन एक्सरसाइज मानी जाती है। इसे करने के लिए आप सीधे खड़े हो जाएं और एक पैर को उठाकर मोड़ते हुए दूसरे पैर पर रखें। हाथों को आप ऊपर या नमस्कार की मुद्रा में भी रख सकते हैं। एक पैर से कुछ मिनट तक करने के बाद आप इसे दूसरे पैर से दोहराएं।
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वॉल पुशअप्स करने से होगा फायदा
वॉल पुशअप्स से शरीर का लचीलापन बेहतर होता है। साथ ही अधिक आयु में भी आपको शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए आप खड़े हो जाएं और अपना चेहरा दीवार की ओर करें। इसके बाद दोनों हथेलियों को दीवार पर रखें। हाथ और कंधा बराबर होने चाहिए। इसके बाद आप शरीर को पुशअप की तरह दीवार की ओर ले जाएं और फिर पुरानी पोजीशन में आ जाएं। इस एक्सरसाइज से आपका संतुलन बेहतर होने लगता है।
वॉकिंग हील टू टो एक्सरसाइज से मिलेगा लाभ
इस एक्सरसाइज में आपको पंजोंं और दूसरे पैर की एंडियों को मिलाकर चलना होता है। इससे आपकी टांगे मजबूत होती है। इस करने से आपके पैरों में बैलेसिंग पावर आती है। इसे करने के लिए आप सीधा खड़े हो जाएं, और एक पैर को आगे रखें,जबकि दूसरे पैर से के पंजों को एंडियों से छुआएं। इस तरह दूसरे पैर को आगे लाएं और पैर को बदलकर आगे की ओर बढ़ते रहें।
लेग बैलेसिंग एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज से बुजुर्गों या वयस्कों का पीठ के निचले भाग का हिस्सा मजबूत होता है। इसे करने के लिए आप एक कुर्सी ले और इसके पीछे खड़े हो जाएं। अब एक पैर को उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। पीछे ले जाते समय पैरों को मोड़े नहीं साथ ही उतना उठाएं, जितना आप सहजता से उठा पाएं। कुछ सेकंड के बार पैर को जमीन पर रख दें। इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं। इसे आप 4 से 5 मिनट तक कर सकते हैं।
एक पैर पर खड़े रहना
इस एक्सरसाइज से पैरों से ताकत आती है और आपको शरीर का बैलेंस बनाने में परेशानी नहीं होती है। इसे करने के लिए आप एक दीवार के सहारे खड़े हो जाएं, और एक पैर को बिना मोड़े आगे की ओर ले जाएं। अगर पैर में दर्द हो तो तुरंत नीचे रख दें। आराम मिलने के बाद दोबारा इस एक्सरसाइज को दोहराएं। एक-एक कर दोनों ही पैरों से इस एक्सरसाइज को करें।
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अधिक आयु में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं ऐसे में व्यायाम, योग और एक्सरसाइज ही वह उपाय है जिससे आप खुद को स्वस्थ और रोग मुक्त रख सकते हैं। लेकिन किसी भी तरह की एक्सरसाइज को जबदस्ती न करें। जो एक्सरसाइज सहजता से हो सके उन्हें ही करने का प्रयास करें।