आयुर्वेद में सात्विक आहार का बड़ा महत्व है। पुराने समय में राजा, महाराजा और ऋषि, मुनि आदि सात्विक आहार को ही सर्वश्रेष्ठ आहार मानते थे। इसका कारण यह है कि आयुर्वेद मानता है कि सात्विक आहार के द्वारा सभी तरह के रोगों, शारीरिक-मानसिक समस्याओं और यहां तक कि बुढ़ापे पर भी विजय पाई जा सकती है। आयुर्वेद में बादाम को भी सात्विक आहार (Sattvik Food) माना जाता है। इसलिए बादाम खाने का बड़ा महत्व है।
विज्ञान भी बादाम को बहुत फायदेमंद बताता है। लेकिन विज्ञान से अलग आयुर्वेद में भी बादाम खाने के कई गुणकारी फायदे बताए गए हैं। आइए आपको बताते हैं कि क्या हैं वे फायदे और आपको रोजाना क्यों खाना चाहिए बादाम?
पित्त घटता है, ऊर्जा आती है
आयुर्वेद के अनुसार बादाम खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा यानी एनर्जी का संचार होता है। आयुर्वेद में बादाम को 'ओजस्' पैदा करने वाला आहार बताया गया है। इसका अर्थ है कि बादाम पाचन को ठीक रखता है और शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है।
इसके अलावा बादाम खाने से 'पित्त दोष' घटता है, जिससे त्वचा पर अलग सी चमक आती है। पित्त ही हमारे शरीर में पाचन और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को कंट्रोल करता है, इसलिए बादाम खाने से शरीर के सभी बायोकेमिकल फंक्शन ठीक से काम करते हैं।
विज्ञान के अनुसार बादाम विटामिन E और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स का दुनिया का सबसे अच्छा स्रोत है।
इसे भी पढ़ें: 1 छोटे से बादाम में होते हैं ये 15 जरूरी पोषक तत्व, इसलिए बादाम से बेहतर स्नैक्स का कोई विकल्प नहीं
टॉप स्टोरीज़
आयु लंबी होती है, याददाश्त बढ़ती है
बादाम जितना शरीर के लिए फायदेमंद होता है, उतना ही मस्तिष्क और मन के लिए फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद कहता है कि बादाम में प्राण तत्व होता है, इसलिए इसे खाने पर सकारात्मकता और प्रसन्नता बढ़ती है। दरअसल बादाम में मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स शरीर की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से बचाते हैं। इससे तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती हैं।
यही कारण है कि बादाम खाने से याददाश्त भी तेज होती है और बुढ़ापे के लक्षण शरीर में धीरे-धीरे उभरना शुरू होते हैं और आयु लंबी होती है।
पांचों इंद्रियां रहती हैं स्वस्थ
बादाम के सेवन से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है। ये कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए बादाम के सेवन से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। इसके अलावा बादाम आपको अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी कई मस्तिष्क की बीमारियों से बचाता है। आयुर्वेद के अनुसार बादाम खाने से पांचों इंद्रियां- आंख, नाक, काम, जीभ और त्वचा स्वस्थ रहती हैं।
इसे भी पढ़ें: आयुर्वेद के अनुसार गर्म तासीर वाले हैं ये 7 आहार, गर्मियों में इनका ज्यादा सेवन हो सकता है नुकसानदायक
वजन घटाता है, शरीर स्वस्थ रखता है
आयुर्वेद के अनुसार बादाम में कई तरह के गुणकारी वसा होते हैं, जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। विज्ञान के अनुसार भी बादाम में डाइट्री फाइबर और हेल्दी फैट्स होते हैं, जो वजन घटाते हैं। बादाम खाने से डायबिटीज रोगियों का रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) कंट्रोल में रहता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। इसके अलावा बादाम आपकी अनावश्यक भूख को शांत करता है, जिससे आप ज्यादा खाना खाने से बच जाते हैं।
हड्डियां मजबूत करे, बालों को झड़ने से रोके
बुढ़ापे के लक्षण क्या हैं? चेहरे पर झुर्रियां, कमजोर हड्डियां, बाल झड़ना आदि। बादाम इन सभी को रोकता है। बादाम में मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन D आपके शरीर की हड्डियों को मजबूत करता है। इसके अलावा बादाम में विटामिन बी-6, विटामिन बी-2 और विटामिन ई होता है, जो कि बालों को झड़ने से रोकता है। इन विटामिन्स की वजह है बालों के रोमछिद्र यानी हेयर फॉलिकल्स स्वस्थ रहते हैं, जिससे बाल मजबूत बने रहते हैं।
Read More Articles on Ayurveda in Hindi