Ayurvedic Self Care Rituals: क्या आप भी स्वस्थ रहकर बीमारियों से बचना चाहते हैं? अगर हां, तो आयुर्वेद में बताए गए इस सिद्धांत- दिनचर्या (Dinacharya) को समझें। दिनचर्या का मतलब है हमारा रोज का रूटीन। आयुर्वेद की मानें, तो दिनचर्या में हेल्दी आदतों को शामिल करके आप स्वस्थ रह सकते हैं। दिनचर्या में खाना, सोना, हाइजीन, मेडिटेशन और योगा आदि की तकनीक शामिल है। अच्छी दिनचर्या को फॉलो करने से बाल और त्वचा हेल्दी रहते हैं, बीमारियों से बचाव होता है, वजन कंट्राेल होता है, तनाव घटता है, बीमारी को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है। आगे लेख में हम जानेंगे ऐसी 5 आदतों के बारे में जिसे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट फॉलो करने की सलाह देते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
1. ब्रह्म मुहूर्त से करें दिन की शुरुआत- Wake Up in Brahma Muhurat
आयुर्वेद के मुताबिक, रात का अंतिम पहर और सूर्योदय से ठीक पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। यह समय करीब सुबह 4 से 5:30 के बीच होता है। इस समय में सोकर उठने से तनाव, चिंता, अनिद्रा, निराशा जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। निद्रा त्याग के लिए यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। हालांकि अगर आपका रूटीन रात को देर से खत्म होता है, तो इसे फॉलो न करें, क्योंकि शरीर के लिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है।
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2. ऑयल पुलिंग तकनीक आजमाएं- Oil Pulling Technique For Dental Hygiene
ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेदिक प्रथा है। यह दंत चिकित्सा का हिस्सा है। इसमें कुछ मिनट के लिए खाली पेट मुंह में थोड़ा सा तेल डालना है और उसे कुल्ला करते हुए थूकना है। इस क्रिया को करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। ऑयल पुलिंग तकनीक दांतों के साथ-साथ आंतों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। रोज तेल से कुल्ला करेंगे, तो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑयल पुलिंग की मदद से शरीर के अंदर मौजूद बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है।
3. योग को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा- Include Yoga in Dinacharya
आयुर्वेद और योग में गहरा संबंध है। हजारों सालों से योग को आयुर्वेदिक पद्धति का हिस्सा माना जाता रहा है। पूरे साल स्वस्थ रहने के लिए योग को अपने रूटीन में शामिल करें। योग करने से मसल्स मजबूत बनेंगी, मेटाबॉलिज्म मजबूत बनेगा और आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। जो लोग योग करना नहीं जानते, वह अनुलोम-विलोम से भी शुरुआत कर सकते हैं। गहरी सांस भरने और छोड़ने से भी सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। अनुलोम-विलोम के 3 सेट्स दिन में 2 बार कर सकते हैं।
4. आयुर्वेदिक डाइट नियम फॉलो करें- Ayurvedic Diet Rule
आयुर्वेद के मुताबिक, हमें ऐसी डाइट लेनी है जिससे वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सके। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद की मानें, तो भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये रस हैं- खट्टा, नमकीन, मीठा, तीखा, कसैला और कड़वा। इस तरह शरीर में पोषक तत्वों का असंतुलन नहीं होता। खाने में इन 6 रसों से बनने वाली चीजों को शामिल करें।
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5. सोने के लिए आयुर्वेदिक औषधी का इस्तेमाल करें- Ayurvedic Herb For Better Sleep
सोने के लिए कुछ असरदार आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन औषधियों को दूध या गुनगुने पानी के साथ खा सकते हैं। जैसे-
- ब्राम्ही, शंखपुष्पी जैसी औषधियों का सेवन करना।
- दूध के साथ अश्वगंधा का चूर्ण खाना।
- सोने से पहले सर्पगंधा के चूर्ण को 1 गिलास पानी के साथ लें।
- शिरोधरा और हल्दी का सेवन करने से अच्छी नींद आती है।
एक बात का ख्याल रखें कि इन औषधियों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। कुछ औषधियों की तासीर गर्म होती है और उसे खाने से पेट में जलन महसूस हो सकती है इसलिए डॉक्टर से इसकी जानकारी जरूर लें।
इन 5 आदतों को फॉलो करके आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।